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डाउनलोड करेंहेरिटेज निगम में सफाई कर्मचारियों की नियुक्तियों में समानीकरण नहीं हाेने का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में 55 और भाजपा पार्षदों के वार्ड में 44 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इसे लेकर भाजपा पार्षद कुसुम यादव के नेतृत्व में विरोध भी कर चुके।
भाजपा पार्षद मनीष पारीक का कहना है कि कार्मिक विभाग की ओर से बिना नोटशीट चलाए ही सफाईकर्मियों की नियुक्ति कर दी गई। कर्मचारियों के पूरा नहीं हाेने से क्षेत्र में अधूरी सफाई हाे रही है। जाेन उपायुक्त अपने जाेन के वार्डों में व्यवस्था के अनुसार सफाई कर्मचारियों की संख्या के आधार पर समानीकरण कर तबादला कर सकता है लेकिन इसका नीति निर्माण मुख्यालय स्तर पर ही तय किया जाता है।
मुख्यालय तय करता है कि प्रयोग के ताैर पर किसी एक जाेन में कम या अधिक सफाई कर्मचारियों काे लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति काे लेकर पार्षदों ने ज्ञापन साैंपा है।
ग्रेटर: पर्याप्त सफाईकर्मी नहीं, सफाई व्यवस्था बिगड़ी
ग्रेटर निगम के वार्डाें में पर्याप्त सफाईकर्मी नहीं हाेने की वजह से व्यवस्था बिगड़ी हुई है। वहीं ग्रेटर के वार्डों में सफाईकर्मियाें के समानीकरण की फिर से मांग उठने लग गई है। कई वार्डों में दाेगुने ताे कईयों में आधे ही सफाईकर्मी काम कर रहे है। ग्रेटर निगम उपमहापाैर पुनीत कर्णावट ने दाेनाें निगमाें में सफाईकर्मियों का फिर से बंटवारा करने की मांग उठाई है।
शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने के लिए सफाई कर्मचारियों का समानीकरण पूरे 250 वार्डो के हिसाब से हाेना चाहिए। ग्रेटर के वार्डों में तो कहीं 7 तो कहीं 12-14 कर्मचारी लगे हुए हैं। वहीं हेरिटेज के वार्डों में 40 से अधिक सफाई कर्मचारी लगे हुए है। जबकि ग्रेटर निगम क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा निगम है। ऐसे में ग्रेटर निगम के 150 वार्डों के लिए मात्र 40% कर्मचारी व संसाधन आवंटित किए गए है, वहीं हेरिटेज के मात्र 100 वार्डों के लिए 60% आवंटित करने से पूरे शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
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