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डाउनलोड करेंहाईकोर्ट ने प्रदेश में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित होने के बाद भी इसके मरीजों का उचित इलाज नहीं होने और दवा नहीं मिलने के मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि ब्लैक फंगस से कितने मरीज संक्रमित हैं और कितनों की मौत हुई? वहीं यह भी बताएं कि दवाई की उपलब्धता की क्या स्थिति है? जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व वीके भारवानी ने यह निर्देश अधिवक्ता सिद्दार्थ जैन मूथा की पीआईएल पर दिया।
अदालत सुनवाई 29 नवंबर को करेगी। एएजी गणेश परिवार को इस संबंध में ब्यौरा देने के लिए कहा है। केंद्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा ब्लैक फंगस से मरे लोगों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। दवाइयों की व्यवस्था का मुद्दा राज्य सरकार का है।
पीआईएल में कहा था कि राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी महामारी घोषित की है, लेकिन उचित इलाज मुहैया नहीं हो रहा। इंजेक्शन लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बाजार में मिल ही नहीं रहे हैं। डॉक्टर्स मरीजों के परिजनों को 40 से 50 इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची थमा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगने से उनकी मौत हो रही है। इसलिए ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शनों को राज्य सरकार अस्पतालों में ही मुहैया कराए।
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