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डाउनलोड करेंदोस्तों की किताबें लेकर पढ़ाई करना आमबात है, लेकिन कोविड ने अब इस ट्रेंड को भी बदलकर रख दिया है। बाड़मेर समदड़ी के उन्डेरिया बेरा के हंसाराम ने दोस्त के भी दोस्त के सब्सक्रिप्शन का उपयोग कर इस साल मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट क्रैक किया है। आर्थिक हालात सही नहीं होने के कारण हंसाराम प्रैक्टिस के लिए ऑनलाइन टेस्ट सीरिज के लिए सब्सक्रिप्शन नहीं ले पा रहा था।
उसके दोस्त ने अपने दोस्त का आईडी पासवर्ड उसे दिया। इससे हंसाराम ने टेस्ट पेपर की प्रैक्टिस की। इसी वजह से हंसा ने नीट-2021 में 720 में से 627 अंक हासिल किए। अब उसे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज मिलना तय है। पिछले साल उसने 720 में से 595 अंक हासिल किए थे। मात्र दस नंबर कम होने की वजह से उसको गवर्नमेंट कॉलेज नहीं मिल पाया था।
पारिवारिक हालातों के कारण वे प्राइवेट कॉलेज की फीस भरने में हंसा सक्षम नहीं था। इस कारण उसने इस साल फिर से नीट रिपीट किया। उसके पिता भीमाराम का निधन 2013 में ही हो गया था। उन्हें किडनी में समस्या थी, चिकित्सा सुविधा भी पूरी नहीं मिल सकी। बड़े भाई दिव्यांग हैं। वे बेरोजगार हैं। मां मथुरा देवी की उम्र 62 वर्ष है। वे पहले नरेगा मजदूर थीं।
दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी। कोविड में ऑनलाइन क्लासेज ही चल रही थीं। ऐसे में एक दोस्त के परिचित ऑनलाइन टेस्ट सीरिज में रजिस्ट्रेशन तो करवा लिया था लेकिन पढ़ाई करना छोड़ दिया था। उसने अपना लॉगिन और पासवर्ड दे दिया और उसी से सालभर तैयारी की और प्रैक्टिस टेस्ट दिए। आखिरकार हंसा को सफलता मिली। अपनी इस सफलता का श्रेय वे अपने मामा ओलाराम चौधरी को देते हैं।
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