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डाउनलोड करेंराजस्थान में रविवार को मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो गया। इस दौरान प्रदेश में 12 नए मंत्री बनाए गए। इसके बाद अब अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल की औसत आयु में 3.8 साल की बढ़ोतरी हो गई। अब यह मंत्रिमंडल औसत आयु के हिसाब से 60.8 साल का है। प्रदेश का मंत्रिमंडल पडौसी कई राज्यों में सबसे बुजुर्ग मंत्रिमंडल है। पुनर्गठन से पहली इसकी औसत आयु 57 साल थी।
पहले राजस्थान का मंत्रिमंडल केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल से जवान था। यहां औसत आयु 57 साल थी और केंद्र के मंत्रिमंडल की औसत आयु 58 साल थी। अब पुनर्गठन के बाद मंत्रिमंडल की औसत आयु केंद्र की आयु से 2.8 साल अधिक हो गई है। औसत आयु के मामले में दूसरा नंबर उत्तरप्रदेश का है। यहां मंत्रिमंडल की औसत आयु 60 साल है।
विस्तार होने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की औसत आयु घटी
पुनर्गठन के बाद जहां अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल की औसत आयु बढ़ी है। वहीं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद औसत आयु घटी थी। पहले केंद्र के मंत्रिमंडल की औसत आयु 61 साल थी, जो विस्तार के बाद घटकर 58 साल हो गई है।
सबसे बुजुर्ग व सबसे युवा मंत्री|
गहलोत कैबिनेट में सबसे बुजुर्ग मंत्री 78 साल के शांति धारीवाल और सबसे युवा 37 साल के अशोक चांदना हैं।
राज्यों के मंत्रिमंडल की औसत आयु
ज्यादातर के पास एलएलबी की डिग्री
गहलोत सहित सभी 30 मंत्रियों की शिक्षा को देखा जाए तो इनमें सबसे अधिक 8 मंत्रियों के पास एलएलबी की डिग्री है। इसके अलावा 1 ने पीएचडी, 1 ने एमफिल और 1 ने एमबीए कर रखा है। स्नातकोत्तर डिग्रीधारी 4 और स्नातक डिग्रीधारी 6 मंत्री हैं। तीन मंत्रियों ने इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा कर रखा है। इसके अलावा 5 मंत्री 12वीं और केवल 1 मंत्री दसवीं तक पढ़ा हैं।
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