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डाउनलोड करेंचित्तौड़ दुर्ग को देखने यहां देश-विदेश से कई पर्यटक आते हैं। राज्य सरकार की ओर से पर्यटन को इंडस्ट्री का दर्जा देने की घोषणा पर पर्यटन विभाग ने काम तेज कर दिया है। इसी साल फरवरी में घोषणा हुई थी। अब होटल्स को टैरिफ के हिसाब से बिजली बिलों का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक चित्तौड़ में तीन जनों को एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट दे दिया गया है, जबकि एक होटल का एप्लीकेशन रिजेक्ट भी हुआ है।
पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि राज्य सरकार ने इस बार बजट घोषणा में पर्यटन को इंडस्ट्री का दर्जा दिया है। यह दर्जा साल 1989 में दिया गया था लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। अभी सरकार ने बजट सत्र में सभी को लाभ देने की घोषणा की। इसके चलते पर्यटन से जुड़े हुए सभी इकाइयों जैसे होटल, मोटल, हेरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेंट्स, कैफिटेरिया, रिजॉर्ट, स्पा रिजॉर्ट, हेल्थ रिजॉर्ट, कैपिंग साइट, एम्यूजमेंट पार्क, एनीमल सफारी पार्क, एमआईसीई कन्वेंशन सेंटर, म्यूजियम, रोप वे, टूरिस्ट लग्जरी कोच, कैरावेन को बिजली के बिल में रियायतें मिलेंगी। इसके चलते होटल संचालकों को पर्यटन विभाग से एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट लेना होगा। इस सर्टिफिकेट को बिजली विभाग के पास जमा करने के बाद कमर्शियल होने के बावजूद भी डोमेस्टिक चार्ज ही लगेगा।
तीन होटल्स को दिया गया एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट
पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि इस बारे में 15 से 17 होटल संचालकों ने इस बारे में जानकारी ली। हालांकि अभी तक चार जनों ने ही ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरा। इनमें से सिर्फ तीन जनों के सभी डाक्यूमेंट्स सही निकले, जबकि एक होटल के अधूरे डाक्यूमेंट्स के कारण रिजेक्ट कर दिया गया। तीन होटल होटल अमृत मंथन, कुन्दनलीला और कुकड़ा रिसोर्ट के संचालकों को एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट दे दिया गया है।
दो रुपए प्रति यूनिट मिलेगी छूट
बिजली विभाग के Aen ऋषभ भार्गव का कहना है कि प्रमाण पत्र बनते ही होटल संचालकों को बिजली बिलों में एक लाख रुपए का फायदा होने जा रहा है। सबसे पहले होटल वालों को बिजली के बिलों में 2 रुपए प्रति यूनिट का डिस्काउंट दिया गया है। अब सालाना लाखों रुपए के बिल भरने वाले होटल वालों को सरकार की तरफ से 9 रुपए प्रति यूनिट का चार्ज नहीं लेकर केवल 7 रुपए यूनिट का ही चार्ज लिया जाएगा। यानी कॉमर्शियल में भी डोमेस्टिक का चार्ज लिया जाएगा। इस तरह से चित्तौड़गढ़ के होटल वालों के साल के लाखों रुपए बच जाएंगे।
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