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डाउनलोड करेंचित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ डेयरी संघ की ओर से इसके लिए नवाचार किया जा रहा है। संघ की ओर से नया मिल्क पाउडर प्लांट बनाने का प्रस्ताव लिया गया है। राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड का अप्रूवल मिलते ही प्लांट का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए संघ ने जमीन भी सेलेक्ट कर ली है।
डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट ने बताया कि बोर्ड मीटिंग में चित्तौड़गढ़ संघ ने एक फैसला लिया है। अभी तक चित्तौड़गढ़ संघ का कोई भी पाउडर प्लांट नहीं है। सीजन में दूध बढ़ता है लेकिन मार्केट में सेल कम हो जाती है। उस समय शादी-ब्याह और धार्मिक आयोजन कम हो जाते हैं। इस कारण से सेल डाउन हो जाता है। सेल डाउन होने के कारण दूध काफी मात्रा में बच जाता है, जिसे हम दूसरे संघों को बेचते हैं।
27 रुपए किलो के हिसाब से बनवाना पड़ता है मिल्क पाउडर
डेयरी चेयरमैन जाट ने बताया कि दूसरे संघ को पाउडर बनाने के लिए 27 रुपए प्रति किलो का चार्ज देना पड़ता है। साथ में करोड़ों रुपए का ट्रांसपोर्ट चार्ज भी। अगर देखा जाए तो हर साल 3 करोड़ रुपए का एवरेज ट्रांसपोर्ट चार्ज देना पड़ता है। इसके अलावा पाउडर बनाने के लिए लगभग 4 से 5 करोड़ रुपए सालाना दूसरे संघ को देना पड़ता है। यानी करीब 1900 टन मिल्क पाउडर दूसरे संघ से सालाना बनवाना पड़ता है। डेयरी चेयरमैन जाट ने कहा कि इतने खर्चे को देखते हुए बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि अब चित्तौड़गढ़ में ही पाउडर प्लांट बनाया जाएगा। प्लांट बनाने की अनुमानित कोस्ट जमीन के अलावा 46 करोड़ की है।
RCDF से अप्रूवल मिलते ही होगा काम शुरू
डेयरी चेयरमैन ने बताया कि जमीन हमने सेलेक्ट कर ली है और प्रस्ताव को आगे राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड को भेज दिया है। वहां से अप्रूवल मिलते ही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के जरिए इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे डेयरी को काफी फायदा होगा। पहले तो हमारा करोड़ों का ट्रांसपोर्ट चार्ज बच जाएगा। दूसरा डेयरी की उन्नति होगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। डेयरी अगर प्रॉफिट कमाएंगी तो किसानों को भी ज्यादा चार्ज दे पाएगी।
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