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डाउनलोड करेंअलवर गैंगरेप की घटना ने शहर और प्रदेश ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में विरोध की आग सुलगती ही जा रही है। दूसरी ओर पीड़िता के पिता का दर्द सामने आया है। उनका कहना है कि ‘मेरी बेटी के साथ गलत हुआ है। जबकि पुलिस इसे मान नहीं रही। वो कभी इसे गैंगरेप मानने से इनकार करते हैं तो कभी कहते हैं कि जांच चल रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को जल्द से जल्द मामले का खुलासा करना चाहिए। पुलिस के खुलासे में देरी के कारण प्रदेश में विरोध बढ़ रहा है।
पिता से बातचीत में यह भी सामने आया है कि मूकबधिर बालिका उसी दिन घर पर अकेली थी। वैसे कोई न कोई हमेशा उसके साथ रहता है। परिवार काम पर जाता है तो रिश्तेदारों के घर छोड़ जाते हैं। घटना वाले दिन दोनों बेटियां स्कूल चली गई थी। बेटा भी स्कूल गया था। पति-पत्नी खेत पर चले गए थे।
परिवार पर है डेढ़ लाख का कर्ज
पीड़िता के पिता खुद के गांव से करीब 20 किमी दूर बांटे पर खेती लेकर मजदूरी करते हैं। उनका कहना है कि घर खर्च निकालने के लिए खेती का सहारा ढूंढ़ा है। खुद के पास खेती नहीं है। बांटे पर लेकर घर चलाते हैं। डेढ़ लाख रुपए का कर्जा है। कुछ पैसा कर्ज का ब्याज चुकाने में चला जाता है। कुछ बेटियों की पढ़ाई पर खर्च हो जाता है।
गरीबी में भी बेटियों को पढ़ा रहे हैं
पिता ने बताया कि उसकी बड़ी बेटी 10वीं में पढ़ती है। उससे छोटी मूक बधिर है जो पढ़ती नहीं है। तीसरे नंबर की बेटी 8वीं में पढ़ती है। दोनों बेटियां पुलिस में जाना चाहती है। वे अक्सर कहती है कि कुछ दिन और मेहनत कर लो। 10वीं पढ़ने के बाद पुलिस की नौकरी लग जाएगी। इसके बाद आपकी परेशानी कम हो जाएंगी। बेटियों के ख्वाब को साथ लेकर मेहनत-मजदूरी में लगे हैं।
बेटे को एक आंख से नहीं दिखता
बेटे को भी एक आंख से दिखाई नहीं देता है। वह 5वीं कक्षा में है। उसे तीसरी कक्षा में चोट लगी थी। तभी से एक आंख से नहीं दिखता है। परिवार की कमजोर हालत के कारण बड़ा ऑपरेशन नहीं करा पाए। पिता का कहना है कि पहले एक बार ऑपरेशन कराने का प्रयास किया था, लेकिन नहीं हो पाया। अब 15 साल का होने पर ऑपरेशन कराएंगे।
उस दिन घर में अकेली थी बालिका
घटना के दिन दोपहर 12 बजे तक पड़ोसी के घर पर बालिका ने टीवी देखा था। इसके बाद अकेली थी। तब घर से निकल गई। आगे जाकर ऑटो में बैठकर अलवर आ गई थी। फिर 11 जनवरी की देर शाम को उसके साथ घटना हुई है। पिता ने बताया कि मूक बधिर बालिका सहित तीन बेटियां हैं। सबसे छोटा एक भाई है।
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