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डाउनलोड करेंप्री मानसून में जोरदार बारिश हो चुकी है और मानसून भी सिर पर आ गया है लेकिन जल संसाधन विभाग में बांधों की सुरक्षा के लिए मिट्टी के कट्टे ही नहीं मंगाए है। विभाग ने मिट़टी के कट्टो के लिए अभी सिर्फ टंेडर प्रकिया शुरू की है। इसके चलते मानसून के आखिरी समय यानी सितंबर में मिट्टी के कट्टे मिल पाएंगे। बांध की मोरियों व गेट ग्रीसिंग के कार्य के लिए भी ठेके की प्रक्रिया काे ही पूरा किया है।
जिला कलेक्टर के निर्देश के बावजूद भी अभी तक बांधाें के आसपास मिट्टी के कट्टाें की व्यवस्थाएं नहीं हैं। मानसून के सीजन में अधिक बारिश में बाढ़ की आशंका और बांधाें में किसी भी प्रकार के खतरे काे राेकने के लिए जल संसाधन विभाग ने अपने क्षेत्र में आने वाले बांधाें के लिए 33 लाख रुपए का टेंडर जारी किया है। कट्टाें की व्यवस्था अभी देरी से हाेगी।
यह काम आने वाले दाे माह में भी पूरा नहीं हाे पाएगा। क्याेंकि टेंडर हाेने के बाद काम करने के लिए भी एक महीने का समय दिया जाता है। ठेके के तहत विभाग के 22 बांधाें पर मिट्टी से भरे कट्टे रखवाए जाएंगे और बांधाें की माेरियां के गेट पर वाॅल्व पर ऑयल और ग्रीसिंग का काम कराना है।
मिट्टी के कट्टे रखवाने के काम में भी अभी समय लगेगा। इस मामले में जिला कलेक्टर ने मई के अंत में हुई बैठक में दस दिन में ही सुरक्षा संबंधी व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। जल संसाधन विभाग के एक्सईएन संजय खत्री ने बताया कि मानसून सीजन में अधिक बारिश काे देखते हुए ठेका किया गया है।
इसमें जल संसाधन विभाग के सभी बांधाें पर मिट्टी से भरे कट्टे रखवाएं जाएंगे। इसके साथ ही खाली कट्टे भी रखे जाएंगे। जिससें बांधाें में अधिक पानी आने से हाेने वाले खतराें काे राेका जा सके। बांध या कहीं भी अन्य स्थान पर पानी के तेज बहाव के कारण हाे रहे कटाव काे नियंत्रित करने के लिए मिट्टी डाली जा सके। मिट्टी के कट्टे रखवाने का काम अगस्त के अंत या सितंबर के शुरुआत में पूरा हाे पाएगा।
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