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डाउनलोड करेंपंजाब भर के सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हजारों कंप्यूटर अध्यापकों ने अपने जायज हकों की प्राप्ति के लिए संघर्ष तेज कर दिया है। कंप्यूटर अध्यापकों के साझा संगठन 'कंप्यूटर अध्यापक, पंजाब' (सीएपी) जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पंजाब सरकार को घेर रही है, वहीं जायज मांगों को लेकर विभिन्न शहरों में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। अध्यापकों को इस संघर्ष में आमजन का साथ भी मिल रहा है।
बताया गया है की आंदोलन के तहत कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा लुधियाना, जालंधर, पटियाला, बठिंडा, संगरूर, मानसा, होशियारपुर के चौराहों, सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग लगाए जा चुके हैं। यह कार्य विभिन्न शहरों में सूचीबद्ध तरीके से युद्ध स्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी बड़े शहरों को कवर कर लिया गया है। उनका कहना है कि सरकार समय रहते अपना वादा पूरा करे, नहीं तो वे संघर्ष तेज करने को विवश होंगे।
सरकार पूरा करे अपना वादा
कंप्यूटर अध्यापक, पंजाब के प्रांतीय कनवीनर प्रदीप कुमार मलूका, परमवीर सिंह पम्मी और रजवंत कौर ने कहा कि उनकी सेवाएं 2011 में तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा रेगुलर कर दी गई थी, लेकिन अभी तक उनके हक बहाल नहीं किए गए हैं। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दिवाली से पहले कंप्यूटर अध्यापकों की मांगों को दीवाली पर पूरा करने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।
होर्डिंग्स में दिवंगत शिक्षकों के फोटो
उन्होंने बताया कि पंजाब भर में विभिन्न में कंप्यूटर अध्यापकों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन सरकार ने कभी उनके आश्रित परिवारों की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि उक्त होर्डिंग्स में जहां बड़ी संख्या में दिवंगत कंप्यूटर अध्यापकों के चित्र उनकी मांगों के साथ के साथ लगाये गये हैं। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, वर्तमान कैबिनेट मंत्री गगन अनमोल मान और हरपाल सिंह चीमा द्वारा चुनाव से पहले किये गये वादों की तस्वीरें भी शेयर की हैं, और यह वादे आज तक वफा नहीं हुए हैं।
ये हैं कंप्यूटर अध्यापकों की मांगें
कंप्यूटर अध्यापक पंजाब के प्रांतीय नेताओं ने बताया कि उनकी कोई नई मांग नहीं है। वे चाहते हैं कि उनके रेगुलर ऑर्डर्स को 2011 में पंजाब सरकार द्वारा लागू किया जाना चाहिए। उन्हें छठे पे कमीशन का लाभ देना चाहिए। जिन कंप्यूटर अध्यापकों की मृत्यु हो चुकी है, उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए सदस्यों में से एक को सरकारी नौकरी दी जाए।
इसके अलावा उनकी मांगों में कंप्यूटर अध्यापकों को सीएसआर के अनुसार सभी लाभ दिए जाएं। अगर सरकार द्वारा उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो राज्य भर के अध्यापक मुख्यमंत्री के साथ-साथ शिक्षा मंत्री का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
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