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डाउनलोड करेंपिछले दिनों में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की तरफ से एक आदेश जारी किया, जिसमें यूनिवर्सिटी में पब्लिक प्लेस पर डॉग को फीड करने पर 2000 रुपए जुर्माना के साथ यूनिवर्सिटी में सिर्फ तीन फीडिंग प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं। इस विषय पर शहर की जीव प्रेमी संस्थाओं और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ने वाइस चांसलर के साथ मीटिंग की। मीटिंग में संस्थाओं और स्टूडेंट्स ने यह आदेश वापस लेने की मांग की जिसे उन्हाेंने इनकार कर दिया। स्टूडेंट्स और संस्थायों का तर्क था कि कैंपस में एक अंधा कुत्ता भी है और वह वहां से दो किमी दूर बने फीडिंग प्वाइंट पर कैसे पहुंचेगा।
इस पर अथॉरिटी जीव प्रेमियों को ठीक से जवाब नहीं दे सकी। जीव प्रेमियों ने बताया कि डॉग का अपना एक इलाका होता है और अगर ये फीडिंग प्वांइट्स निर्धारित रहे तो कुत्ते या तो यहां लड़-लड़कर मर जाएंगे या इन प्वाइंट्स तक पहुंच ही नहीं पाएंगे और भूख-प्यास से मर जाएंगे। संस्थाअों और स्टूडेंट्स की अोर से मांग की गई कि कम से कम गर्मियों तक यह फरमान रोक लिया जाए और इस पर दोबारा विचार हो। वैसे भी पानी न मिलने से प्यार के साथ पहले से ही बहुत सी जीव मर रहे हैं। इस पर अथॉरिटी ने जवाब दिया कि जब यूनिवर्सिटी में डॉग के डेथ होगी तब देखेंगे।
अब जीव प्रेमी और स्टूडेंट्स इस फरमान को रोकने के लिए स्टूडेंट्स धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे है। इस मौके पर गुरमुख सिंह गुरू एनिमल राइट एक्टिविस्ट, गुरतेज सिंह हीलिंग हैड पटियाला, एडवोकेट ऋषभ शर्मा, नैना सिंह, परमजीत सिंह अग्रवाल, सुषमा राठौर जीव रक्षा फाउंडेशन आदि मौजूद थे।
सीएडब्ल्यूए ने भी वीसी को लिखा पत्र
इधर कंपेशन फॉर एनिमल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी को पत्र लिखकर कहा कि 600 एकड़ में आवारा कुत्तों के लिए सिर्फ 3 फीडिंग प्वाइंट रखने का फैसला गलत है। पत्र में उन्हाेंने लीगल नियम भी बताए।
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