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डाउनलोड करेंपंजाब में कांग्रेस के दिग्गज हिंदू नेता रहे सुनील जाखड़ को राज्यसभा भेजने की तैयारी चल रही है। जाखड़ ने आज पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। शाम को उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी। जाखड़ के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद यह पहली मुलाकात है। जाखड़ चुनावी पॉलिटिक्स से दूरी बना चुके हैं। हालांकि, उन्हें पंजाब में भाजपा को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
इस मौके उनके साथ भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा और अरविंद खन्ना भी नजर आए। खन्ना ने संगरूर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह सीट हार गए। उनकी मौजूदगी से कयास लग रहे हैं कि जाखड़ की अगुआई में भाजपा अब संगरूर लोकसभा सीट के उपचुनाव पर फोकस करने जा रही है।
संगरूर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं खन्ना
अरविंद खन्ना का संगरूर में अच्छा आधार है। कारोबार के अलावा वह एक समाज सेवी संगठन के जरिए भी लोगों से जुड़े हैं। वह संगरूर से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी की आंधी में खन्ना भी चुनाव हार गए। अब संगरूर सीट से वह भाजपा उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा उपचुनाव लड़ सकते हैं।
2 बार भगवंत मान रहे सांसद, विधायक बनने पर छोड़ी संगरूर सीट
संगरूर लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी और खास तौर पर पंजाब के CM बने भगवंत मान का गढ़ मानी जाती है। मान यहां से लगातार 2 बार सांसद रह चुके हैं। दूसरी बार में उन्होंने धूरी से विधायक चुने जाने के बाद इस्तीफा दे दिया। यहां से उनकी बहन मनप्रीत कौर के लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
नोटिस से खफा जाखड़ ने छोड़ी थी कांग्रेस
सुनील जाखड़ का परिवार 50 साल कांग्रेस में रहा। पिता बलराम जाखड़ के बाद वह पार्टी में रहे। अब उनकी तीसरी पीढ़ी से भतीजे संदीप जाखड़ अबोहर से विधायक हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद हिंदू होने की वजह से उन्हें CM नहीं बनाया गया। इसके बाद उन्होंने एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर लिया। चुनावी हार के बाद कांग्रेस ने उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस भेज दिया, जिससे नाराज होकर जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ दी।
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