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डाउनलोड करेंरोडरेज केस में 1 साल कैद की सजा के बाद कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को अकेले छोड़ दिया है। पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सिद्धू से दूरी बना ली है। वह संगरूर में वर्करों के साथ चाय-पकौड़े खाते नजर आए। कैप्टन अमरिंदर सिंह को सबक सिखाने के लिए सिद्धू को प्रमोट करने वाले ही उनके खिलाफ हो गए हैं।
पूर्व डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा ने तो यहां तक कह दिया कि जो काम कांग्रेस हाईकमान को करना चाहिए था, वह सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया। साफ तौर पर उनका इशारा सिद्धू को किसी न किसी तरह से कांग्रेस से बाहर निकालने का है। सिद्धू के करीबी रहे परगट सिंह भी उनसे मिलने नहीं पहुंचे।
वड़िंग को बर्थडे विश करने पहुंच गए थे सिद्धू, तारीफ भी करते रहे
पंजाब कांग्रेस प्रधान बनने के बाद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सिद्धू से छत्तीस का आंकड़ा बना लिया है। हालांकि, जब सिद्धू प्रधान बने तो वह बर्थडे विश करने के लिए ही वड़िंग के घर गिद्दड़बाहा पहुंच गए थे। वहीं जब वड़िंग ने बादल परिवार की ट्रांसपोर्ट पर कार्रवाई की तो सिद्धू लगातार उनकी पीठ ठोकते रहे। अब वड़िंग ने सिद्धू से पूरी तरह किनारा कर लिया है।
समर्थक बोले- साथ खड़े होना चाहिए था
सिद्धू के समर्थक अश्वनी शेखड़ी, हरदयाल कंबोज और सुरजीत धीमान ने कहा कि वह पहले भी सिद्धू के साथ थे और बुरे वक्त में भी उनके साथ हैं। सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने सजा दी है, इसलिए कानून को मानना होगा। ऐसे वक्त पर पार्टी को सिद्धू के साथ खड़ा होना चाहिए।
पूर्व विधायक पिरमल खालसा ने कहा कि जो रंधावा सिद्धू के जेल जाने से खुश हो रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि वह डिप्टी CM भी सिद्धू की वजह से ही बने हैं। पूर्व विधायक हरदयाल कंबोज ने कहा कि सिद्धू को प्रधान बनाते वक्त सबसे आगे झंडा लेकर रंधावा ही चल रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मिलाने वाले रंधावा कौन होते हैं।
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