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पंजाब में विजिलेंस और फूड सप्लाई आमने-सामने:दो DFSC गिरफ्तार करने के विरोध में हड़ताल का ऐलान, चंडीगढ़ में होगा प्रदर्शन

लुधियाना6 महीने पहले
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सुखविंदर सिंह गिल मौजूदा DFSC लुधियाना पश्चिमी और हरवीन कौर मौजूदा DFSC लुधियाना पूर्वी। - Money Bhaskar
सुखविंदर सिंह गिल मौजूदा DFSC लुधियाना पश्चिमी और हरवीन कौर मौजूदा DFSC लुधियाना पूर्वी।

पंजाब के जिला लुधियाना में ट्रांसपोर्ट टेंडर घोटाला में विजिलेंस द्वारा दो DFSC को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब पंजाब फूड सप्लाई और विजिलेंस आमने-सामने हो गई है। पंजाब की सभी खरीद एजेंसियों ने विजिलेंस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खरीद एजेंसियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है।

आज खरीद एजेंसियां जिनमें पनसप, मार्कफेड, पनग्रेन, वेयरहाउसिंग के कर्मचारी और अधिकारी चंडीगढ़ रवाना होंगे। जहां सभी विजिलेंस खिलाफ रोष प्रदर्शन करेंगे। दोनों गिरफ्तार DFSC को बुधवार को कोर्ट में पेश कर विजिलेंस ने 3 दिन का रिमांड मांगा। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उनका 2 दिन का रिमांड मंजूर किया है। आरोपियों से विजिलेंस कई खुलासे करेगी, जिससे कई नाम उजागर हो सकते हैं।

खाद्य और आपूर्ति विभाग ऑफिस लुधियाना Zone-D
खाद्य और आपूर्ति विभाग ऑफिस लुधियाना Zone-D

सुखविंदर सिंह गिल मौजूदा DFSC लुधियाना पश्चिमी और हरवीन कौर मौजूदा DFSC लुधियाना पूर्वी हैं। इस समय सुखविंदर सिंह गिल DFSC फरीदकोट और हरवीन कौर DFSC जालंधर में तैनात थे। दोनों से लगातार विजिलेंस पूछताछ में जुटी है।

अधिकारियों- कर्मचारियों को सताने लगा डर
ऐसे में खाद्य एवं सिविल सप्लाई के DFSC, इंस्पेक्टर और कर्मचारियों को विजिलेंस का डर सता रहा है। विजिलेंस की इस कार्रवाई के विरोध में आज हड़ताल की गई है। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पॉलिसी के मुताबिक ही कांग्रेस सरकार के समय में काम किया है, लेकिन अब उन्हें बेवजह तंग किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कई नाम अभी बेनकाब होने बाकी है।

इन आरोपों में घिरे DFSC
दोनों DFSC टेंडरों की अलॉटमेंट के समय जिला टेंडर कमेटी के सदस्य/कन्वीनर थे। वह कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ टेंडरों के साथ संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें ट्रांसपोर्ट वाहनों की सूची भी शामिल थी। उन्होंने जानबूझ कर वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों की जांच नहीं करवाई क्योंकि वाहनों की नत्थी सूची में स्कूटरों, मोटर साइकिलों आदि के नंबर लिखे गए हैं।

ठेकेदारों द्वारा गलत दस्तावेज पेश करने के बावजूद उपरोक्त अधिकारियों ने चहेते व्यक्तियों और ठेकेदारों से रिश्वत लेकर टेंडर अलॉट कर दिए। जांच के अनुसार सुखविंदर सिंह ने 2 लाख रुपए और एक आईफोन रिश्वत के रूप में लिया था और हरवीन कौर ने तेलू राम ठेकेदार का पक्ष लेने के लिए 3 लाख रुपए रिश्वत के लिए थे।