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डाउनलोड करेंड्रग्स केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को हाईकोर्ट ने जमानत नहीं दी। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार ने इस मामले की स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी। मजीठिया ने ड्रग्स केस खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मजीठिया को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाने को कहा गया था। मजीठिया इस वक्त पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उनकी जमानत खारिज हो चुकी है। अब वह नए सिरे से जमानत की कोशिश कर रहे हैं।
24 फरवरी से जेल में बंद अकाली नेता
बिक्रम मजीठिया पर पिछली कांग्रेस सरकार ने ड्रग्स का केस दर्ज किया था। उन्हें पंजाब में 6 हजार करोड़ के ड्रग्स के केस में आरोपी बनाया गया है। तत्कालीन CM चरणजीत चन्नी की सरकार ने चुनाव से ठीक पहले मजीठिया पर यह केस किया। इसके बाद मजीठिया को अग्रिम जमानत नहीं मिली। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। 20 फरवरी को मतदान के बाद मजीठिया ने 24 फरवरी को मोहाली कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद से वह पटियाला जेल में बंद हैं।
चुनाव हारे मजीठिया, पत्नी बनीं विधायक
बिक्रम मजीठिया ने इस बार अमृतसर ईस्ट से पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ा था। जहां सिद्धू और मजीठिया का मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन चुनाव आम आदमी पार्टी की जीवनजोत कौर जीत गईं। हालांकि, मजीठिया की पत्नी गनीव कौर मजीठिया मजीठा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन गई हैं।
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