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डाउनलोड करेंपंजाब रोडवेज पनबस-पीआरटीसी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब ने ट्रांसपोर्ट महकमे के आला अफसरों की तरफ से कच्चे मुलाजिमों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार करने, तानाशाही रवैया अपनाने से तंग आकर वीरवार को रोडवेज डिपो बंद कर रोष जताया। हड़ताल के कारण रोडवेज डिपो की 107 बसें नहीं चल पाई।
इससे महकमे को 9-10 लाख रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ा। मुलाजिमों के हड़ताल पर रहने से चंडीगढ़, अंबाला, मनाली, मनीकरण साहिब, वल्लभगढ़, दिल्ली, हिसार, फिरोजपुर, फाजिल्का, नकोदर, शाहकोट, माता चिंतपूर्णी, माछीवाड़ा, अहमदगढ़, बटाला, बठिंडा, डबवाली, जालंधर-अमृतसर रूट प्रभावित रहे।
यूनियन बोली- आप ने कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने के दिखाए सिर्फ सपने
सूबा जनरल सेक्रेटरी शमशेर सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्ट महकमे के आला अफसर देश के संविधान के उल्ट जाकर कच्चे मुलाजिमों से तानाशाही रवैया अपना उनका शोषण कर रहे हैं। लंबे रूटों की बसों में कच्चे मुलाजिम पंजाब की जनता को सफर सहूलियत प्रदान करते हैं, उनका खाना-पीना तक रास्ते में जबरदस्ती बंद करवाया जा रहा है। अगर कोई मुलाजिम किसी भी ढाबे या रास्ते में किसी सवारी को मुश्किल आने पर बस रोकता है तो उसकी रिपोर्ट तैयार उसे ड्यूटी से बगैर सुनवाई निकाल दिया जाता है।
कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने के सपने दिखा सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है। ट्रांसपोर्ट डायरेक्टर तानाशाही तरीके से काम चला रहे हैं। कच्चे मुलाजिमों की मजबूरी को समझे बिना जबरदस्ती दूसरी जगह काम करवाया जा रहा है। रेगुलर मुलाजिम को मोटी तनख्वाह मिलने के बावजूद डिपो में बिठाया जा रहा है।
चेतावनी : मांगें ना मानी तो डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट और सेक्रेटरी का करेंगे घेराव
डिपो प्रधान सतनाम सिंह और जगतार सिंह ने कहा कि मुलाजिमों को रेगुलर करने के लिए ट्रांसपोर्ट मंत्री से मीटिंग भी हुई, परंतु नतीजा नहीं निकला। जत्थेबंदी ने ऐलान किया कि अगर चंडीगढ़ के मुलाजिमों को ड्यूटी पर न लाया गया और डिपो का रोटा वापस मोगा ना भेजा गया और ढाबों को लेकर जारी आदेश वापस न लिए तो पनबस के साथ पीआरटीसी के डिपो भी बंद किए जाएंगे। साथ ही ट्रांसपोर्ट विभाग के मुख्य ऑफिस का घेराव भी किया जाएगा। इस मौके पर गुरप्रीत सिंह, सुखदेव सिंह, जतिंदर सिंह, संजीव कुमार, जसपाल सिंह, सुखविंदर सिंह बब्बू मौजूद रहे।
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