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डाउनलोड करेंकिसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने केंद्र सरकार पर उसकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है। खेती कानून वापस होने के बाद SKM ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित दूसरे मुद्दों पर वार्ता के लिए जो 5 मेंबरी कमेटी बनाई थी। जिसे केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत का कोई निमंत्रण नहीं मिला। ऐसे में कमेटी मेंबरों ने सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर इमरजेंसी मीटिंग कर आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है। कमेटी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार का यही रवैया रहा तो किसान दिल्ली कूच का फैसला ले सकते हैं।
कानून वापस लिए जाने के बाद MSP, किसानों पर दर्ज केस, जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के मुआवजे सहित दूसरे पेंडिंग मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों से बातचीत के लिए SKM ने 4 दिसंबर को बैठक करके 5 मेंबरी कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने दो दिन सरकार के निमंत्रण का इंतजार किया लेकिन सरकार ने कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी। ऐसे में इस कमेटी ने सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर आगे की रणनीति बनाने के लिए SKM की पहले से गठित 9 मेंबरी कमेटी के साथ मीटिंग भी की।
मंगलवार की मीटिंग बेहद अहम
मीटिंग के बाद कमेटी मेंबर युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, शिवकुमार कक्का और अशोक धवले ने सरकार के रवैये को शर्मनाक बताते हुए कहा कि उनके पास सरकार से बातचीत का कोई निमंत्रण नहीं आया। इसलिए मंगलवार-7 दिसंबर- को कुंडली बॉर्डर पर होने वाली SKM की बैठक बेहद अहम रहेगी। इस बैठक में सभी किसान संगठनों के बीच सहमति बनी तो दिल्ली कूच का फैसला लिया जा सकता है।
सरकार ही चाहती थी छोटी कमेटी
कक्का ने कहा कि केंद्र सरकार की शुरू से मंशा रही कि SKM की छोटी कमेटी बातचीत के लिए आए। इसी मंशा के तहत SKM ने 5 मेंबरी कमेटी बना दी। चूंकि सरकार ने फिलहाल कोई संदेश नहीं भेजा इसलिए किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। धवले ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कमेटी गठन के बाद बाकी मसलों को लेकर बातचीत आगे बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जारी रहेंगे SKM के पहले से तय कार्यक्रम
कमेटी मेंबर युद्धवीर सिंह ने कहा कि यह भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि किसानों की मांग पूरी हो गई है। मगर किसान स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी पेंडिंग मांगों में से कोई भी ऐसी नहीं है जो किसान संगठनों के शुरुआती मांगपत्र से बाहर की हो। बचे हुए विषयों पर सरकार ने जो उदासीनता दिखाई है, वह निराशाजनक है। यदि सरकार उनकी बाकी मांगों का निराकरण नहीं करती तो SKM के पहले से तय कार्यक्रम जारी रहेंगे। इनमें दिल्ली कूच भी शामिल है।
युद्धवीर सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का मिशन यूपी कार्यक्रम जारी है। सरकार किसानों की कमेटी की अनदेखी कर रही है इसलिए अब आंदोलन तेज किया जाएगा ताकि किसानों की बात सरकार के कानों तक पहुंचाई जा सके।
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