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डाउनलोड करेंगांव देतवाल में वीरवार को हथियारों के बल पर पंजाब नेशनल बैंक से 7.45 लाख लूटने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान रूपिंदर सिंह उर्फ पिंदर, इंदरजीत सिंह, रवि सहोता और कुलदीप सिंह के रूप में हुई। उनके पास से 12 बोर की राइफल, 32 बोर का पिस्तौल, 16 कारतूस, 2.39 लाख रुपए, बाइक और अन्य सामान बरामद हुआ है। वहीं, उनका 5वां साथी फरार है। पुलिस कमिश्नर डॉ. कौस्तुभ शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने मामले में जॉइंट सीपी नरिंदर भार्गव को टीम बनाने के लिए कहा था, क्योंकि पुलिस को सूचना थी कि पीएयू के इलाके बारनहाड़ा के पास आरोपी लुधियाना में किसी बड़ी वारदात की फिराक में हैं।
सूचना के आधार पर जेसीपी भार्गव और बाकी अफसरों ने रात में ही टीम तैयार कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने देतवाल में बैंक डकैती की है। अब वो लुधियाना में वारदात करने वाले थे। इस संबंध में सीपी डॉ. कौस्तुभ शर्मा, जॉइंट सीपी नरिंदर भार्गव, एडीसीपी शुभम अग्रवाल, एसीपी मंदीप सिंह, एसआई अवतार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
जॉइंट सीपी ने बताया कि आरोपी कुलदीप सिंह बैंक में चपरासी का काम करता था। बाकी के चारों आरोपी उसके जानकार थे। रूपिंदर सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है। इंदरजीत रेत का काम करता है। रवि ड्राइवरी करता है। कुलदीप ने आरोपियों को बताया कि उनके बैंक में लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन का काम होता है। शाम को बैंक बंद करते समय वारदात की जा सकती है, क्योंकि तब वहां कोई नहीं होता। आरोपियों ने 3 दिन तक लगातार रेकी की और चौथे दिन वो बैंक से 7.45 लाख रुपए लूटकर ले गए। आरोपियों ने पैसे रास्ते में ही बांट लिए थे।
वारदात के बाद लुधियाना पुलिस सतर्क हो गई थी। लिहाजा उन्होंने सेफ सिटी के कैमरे को खंगालना शुरू किया। सूत्र बताते हैं कि कैमरों में आरोपियों के बाइक का नंबर मिल गया था और घटनास्थल से कॉल डंप उठाया। इसमें आरोपियों के नंबर मिल गए थे। उन्हीं को ट्रेस कर मामला सुलझा लिया, क्योंकि उनमें से एक नंबर कुलदीप का था, जोकि लगातार आरोपियों के संपर्क में था। इसके अलावा फुटेज में सलेम टाबरी के युवक का चेहरा नजर आया था। इसके बाद ये केस ट्रेस करना पुलिस के लिए और आसान हो गया। हैरानीजनक है कि आरोपियों ने बैंक लूटने के बाद लुधियाना से आकर हथियार खरीदा और दूसरी वारदात की प्लानिंग थी।
चपरासी का भाई डीएसपी की हत्या का आरोपी, जेल में बंद
जांच में पुलिस को पता चला कि कुलदीप का भाई डीएसपी बलराज गिल की हत्या के मामले में जेल में बंद है। उसे कोर्ट ने सजा सुनाई है। इसके बाद पुलिस का शक कुलदीप पर बढ़ गया है कि इस मामले में गैंगस्टरों की शमूलियत हो सकती है, क्योंकि फरार आरोपी के लिंक भी अपराधियों के साथ बताए जा रहे हैं।
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