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डाउनलोड करेंकोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। कोरोना को हरा चुके गंभीर मरीज खास तौर पर युवाओं के शरीर के जोड़ों पर दर्द ‘अटैक’ कर रहा है। इस स्थिति में कमर, कूल्हे और घुटनों में दर्द की शिकायत अमूमन अब ज्यादा आ रही है। यहां तक कि युवा चल-फिर पाने में भी खासी दिक्कत महसूस कर रहे हैं। अगर आप भी इस स्थिति से गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह कोई मामूली बीमारी नहीं है। अगर आप कोरोना संक्रमित हुए हैं और कमर और कूल्हे में दर्द बढ़ रहा तो इसकी तुरंत जांच करानी चाहिए।
22 से 35 साल के लोगों में कूल्हे और कमर के साथ घुटने का दर्द ‘एवेस्कुलर नेक्रोसिस’ के कारण होता है। ये समस्या कोविड संक्रमण के बाद तेजी से बढ़ने लगी है। इसे पोस्ट कोविड एवीएन का नाम दिया गया है। अगर शहर की बात करें तो जोड़ों में दर्द खासतौर पर हिप पेन की शिकायत अधिक आ रही है। अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या में 30% तक बढ़ोतरी हुई है। इनमें 80% तक महिलाएं हैं। माहिरों के मुताबिक जो मरीज गंभीर रहे और उन्हें अस्पताल में दाखिल होने के दौरान स्टेरॉयड तक दिए गए। ऐसे में अगर समय पर इलाज ना करवाया गया तो हिप रिप्लेसमेंट तक की नौबत भी आ रही है। अभी 10% केसों में रिप्लेसमेंट करनी पड़ी है। उधर, डॉक्टरों का मानना है कि ये एक बड़ी समस्या है। ऐसे में समय पर इसे रोकना जरूरी है। नहीं तो आने वाले समय में ये एक नई समस्या बन सकती है।
महिलाएं इसलिए ज्यादा पीड़ित... क्योंकि, उनका इम्युन रिस्पॉन्स कम
जोड़ों के दर्द की समस्या महिलाओं को अधिक आ रही है। इसका भी एक कारण है। नॉर्थ जोन इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव मेंबर डॉ. जगदीप मदान के मुताबिक महिलाओं में इम्युन रिस्पॉन्स कम होता है। इसी कारण महिलाओं में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। कोरोना से तो मरीज स्वस्थ हो रहे हैं, लेकिन पोस्ट कोविड ये समस्या देखने को मिल रही है। इसके अलावा शरीर में दर्द, थकान, हिप में दर्द जैसी समस्या के केस बढ़े हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह, फिजियोथेरेपी, मेडिकेशन जरूरी है। समय पर इलाज न शुरू करवाने वाले मरीज जिनकी उम्र भी ज्यादा है और अनदेखा भी कर रहे हैं, उनमें रिप्लेसमेंट की नौबत भी ज्यादा हो रही है।
हैरानी... कई केसों में नहीं हुआ दर्द, फिर भी हिप जॉइंट डैमेज
इन मामलों में कुछ आश्चर्यचकित करने वाले नतीजे भी सामने आए हैं। डॉ. जेएल बस्सी अस्पताल के ऑर्थोपेडिशियन डॉ. धीरेन बस्सी की मानें तो कई मामलों में ऐसा भी देखने को मिल रहा है, जिसमें मरीजों को दर्द नहीं होता, लेकिन उनका हिप जॉइंट डैमेज मिला। शुरुआती लक्षणों में चौकड़ी मार कर ना बैठ पाना, जोड़ों में भारी दर्द जैसी समस्या हो सकती है। उनके पास जो मामले आ रहे हैं, वो 25-35 साल, डायबिटिक मरीजों में काफी देखने को मिल रहे हैं। इनमें भी 80 फीसदी महिलाएं हैं। अगर किसी को हिप में दर्द है तो इसे अनदेखा ना करें। डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं। बिना पूछे एक्सरसाइज बिल्कुल ना करें।
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