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डाउनलोड करेंहेल्थ इंश्योरेंस के बाद भी अस्पताल में भुगतान न करने पर कंपनी को स्थायी लोक अदालत ने दोषी ठहराया है। फैसला सुनाते हुए स्थायी अदालत के चेयरमैन बलविंदर सिंग संधू ने कंपनी को आदेश दिए कि पीड़िता को दो महीने के भीतर करीब 8 लाख का भुगतान करें अन्यथा 9 फीसदी ब्याज भी देना होगा। मोती नगर की रहने वाली 86 वर्षीय पीड़िता मोहिंदर कौर ने स्थायी लोक अदालत में शिकायत दर्ज करवाई कि उन्होंने साल 2018 में कनाडा में अपने रिश्तेदार के पास जाना था।
88734 रुपए में 180 दिनों के लिए कराई थी पॉलिसी
इमीग्रेशन के नियमों के तहत हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी था तो उन्होंने एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की लुधियाना ब्रांच से हेल्थ बीमा करा लिया। कंपनी ने 88734 रुपए में 180 दिनों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कर दी। कनाडा पहुंचने पर वे बीमार हो गईं। उन्हें सरी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। पॉलिसी के मुताबिक कैशलेस इलाज का प्रावधान था पर इंश्योरेंस कंपनी ने भुगतान नहीं किया। पीड़िता ने 5 अप्रैल 2018 को अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इंश्योरेंस कंपनी को नोटिस भेजा लेकिन कंपनी ने सभी आरोपों को नकार दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्थायी लोक अदालत ने पीड़िता के हक में फैसला सुनाया।
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