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डाउनलोड करेंजन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में बेतुके ऑब्जेक्शन लगाने और लोगों को दफ्तर बुलाने के मामले में निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के स्तर पर खामियां सामने आई हैं। इन सभी को चार्जशीट जारी होगी। इसकी पुष्टि एडिशनल कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने की है। बता दें कि शहर में 8 सितंबर को दो कैबिनेट मंत्रियों में लोकल बॉडीज मंत्री इंद्रबीर सिंह निज्जर और प्रशासनिक सुधार मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले दफ्तर में अचानक रेड की थी।
इस दौरान ये पाया गया था कि बेतुके ऑब्जेक्शन लगाकर आम जनता काे दफ्तर बुलाया जा रहा है। इसका खुलासा भी दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया और मामले की जांच करके रिपोर्ट पेश करने के लिए निगम कमिश्नर डॉ. शेना अग्रवाल को आदेश जारी किए। जांच में सामने आया कि जिन सेवा केंद्रों में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए अप्लाई किया जाता है, वहां से ही गलतियां शुरू हो जाती हैं। जबकि सबसे ज्यादा ऑब्जेक्शन लगाए जाने के मामले में सिविल सर्जन ऑफिस का रिकॉर्ड सामने आया है। इस पर भी एडिशनल कमिश्नर की तरफ से रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जा रही है ताकि दूसरे विभागों के संबंधित जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई सरकार अपने स्तर पर कर सके।
700 एप्लीकेशन को बेतुके ऑब्जेक्शन लगाकर रोका था
बता दें कि एडिशनल कमिश्नर की जांच में ये खुलासा हुआ है कि 700 एप्लीकेशन को बेतुके ऑब्जेक्शन लगाकर पेंडिंग रखा गया था। उनमें से 60 ऑब्जेक्शन जैनुअन पाए गए हैं। जबकि बाकी के सभी ऑब्जेक्शन निगम, सिविल सर्जन ऑफिस और सेवा केंद्रों से संबंधित हैं। ये भी बात सामने आई थी कि सेवा केंद्रों पर अप्लाई होने वाली फाइलों को सही से जांचा नहीं जाता है। जबकि फाइलों में ही कई डाक्यूमेंट्स की गलतियां हैं। ऐसे में सेवा केंद्रों के बारे में भी जांच रिपोर्ट में बात सामने आने पर सरकार काे लिखा गया है।
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