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डाउनलोड करेंपंजाब के शहर लुधियाना में पशुओं में फैल रही लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए नगर निगम गंभीर है। निगम के सेहत विभाग के अधिकारी डॉ. गुलशन राय द्वारा विशेष टीमों का गठन किया जा रहा है। यह टीमें लगातार 24 घंटे काम करेंगी। वहीं पशुओं के गोट पोस्क के टीके लगाए जा रहे है ताकि समय रहते इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
नगर निगम द्वारा जोन स्तर पर माहिरों की टीमों का गठन किया गया है। सेहत विभाग की टीम की अगुवाई गुलशन राय करेंगे। वहीं निगम के अधिकार क्षेत्र के लिए नोडल अफसर भी नियुक्त किए गए हैं। ये अधिकारी पशु पालन विभाग से तालमेल बनाकर कर रखेंगे।
डॉ. विपल मल्होत्रा, अश्वनी सहोता, डॉ. प्रतिष्ठ बातिश और मेडिकल फार्मासिस्ट विजय कपूर सहित मुख्य सैनिटरी इंस्पेक्टर की टीमें 24 घंटे काम करेगी ताकि जो पशु इस बीमारी से प्रभावित है उनका उपचार सही से हो सके। चाहे कोई पशु बेसहारा है या गौशाला की देखरेख में है उसका उपचार भी टीम करेगी।
वहीं जो पशु लंपी बीमारी से मरे हैं उनका सही से निपटारा किया जाए ताकि शहर में बीमारी न फैल सके। निगम अधिकारियों द्वारा लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया जो (94642-74949) और (98155-45071) है। अधिकारियों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के पशु को यदि इस बीमारी से ग्रस्त होने शिकायत है तो वह हेल्पलाइन पर संपर्क करें ताकि पशुओं का सही से उपचार हो सके।
लुधियाना में करीब 200 पशुओं को हो चुकी मौत
लंपी संक्रमण पशुओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। पशु पालन विभाग के अनुसार जिला लुधियाना में शनिवार तक संक्रमित पशुओं का आंकड़ा एक हजार तक पहुंच चुका है। जबकि इस संक्रमण से करीब 200 पशुओं की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि संक्रमित पशुओं का आंकड़ा अधिक है, लेकिन विभाग खुल कर बता नहीं रहा। वहीं मरने वाले पशुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
इस समय पशुओं में लंपी संक्रमण तेजी से फैल रहा है हालांकि पशु डेयरी संचालक बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए टीकाकरण करवा रहे हैं। प्रशासन के लिए बेसहारा सड़कों पर घूम रहे पशु बड़ी परेशानी हैं। बता दें करीब 4 हजार जानवर सड़कों पर घूम रहे हैं।
अभी हाल ही में ही हेबोवाल डेयरी कॉम्प्लेक्स में 30 जानवरों की मौत हुई है, लेकिन कोई अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं कि ये जानवर कैसे मरे। जानवरों की इस तरह मरना बड़ी लापरवाही का नतीजा है।
लंपी स्किन डिजीज के कारण
जानकारी के अनुसार ये रोग एक वायरस के चलते मवेशियों में फैल रहा है जिसे 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' (LSDV) कहा जाता है। इसकी तीन प्रजातियां हैं जिसमें पहली प्रजाति 'कैप्रिपॉक्स वायरस' (Capripoxvirus) है। इसके अन्य गोट पॉक्स वायरस (Goatpox Virus) और शीप पॉक्स वायरस (Sheeppox Virus) हैं।
लंपी स्किन डिजीज के लक्षण
पशु माहिरों के मुताबिक, इस रोग के कई लक्षण है। जिसमें बुखार, वजन कम होना, लार निकलना, आंख और नाक का बहना, दूध का कम होना, शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना, पशु पैरों को जमीन पर पटकता है। इसके साथ ही इस रोग में शरीर में गांठें भी बन जाती हैं।
इस तरह फैल रही बीमारी
लंपी त्वचा रोग एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों, मक्खियों की वजह से फैल रही है। इसके साथ ही ये मवेशियों के सीधे संपर्क में आने और दूषित भोजन एवं पानी के जरिए भी फैलती है। इसलिए जरूरी है कि जहां पशु रखे वहां समय-समय पर छिड़काव करें और मक्खी मच्छर को पशुओं से दूर रखे।
दक्षिण अफ्रीका की है यह बीमारी
उन्होंने कहा कि सामान्यता ये बीमारी हमारे देश की नहीं है, दक्षिण अफ्रीका की बीमारी है। विभाग ने सरकार से दवा की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला में 3 लाख 56 हजार गाय-भैंस है। बीमारी दोनों पशुओं में ही फैल रही है। पशुओं के शरीर पर गांठे पड़ जाती है और फूट जाती हैं। जिससे संक्रमण फैलने का डर रहता है, अगर समय रहते बीमार पशु को दवा दे दी जाएगी तो वो ठीक हो जाएगा। फिलहाल जिले में बीमारी से पशुओं की मौत की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
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