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पंजाब में सरकारी बसों का चक्का जाम:पक्की नौकरी को लेकर हड़ताल पर गए PRTC व पनबस के कच्चे मुलाजिम, कल करेंगे CM आवास का घेराव

लुधियाना2 वर्ष पहले
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पंजाब में सरकारी बसों का चक्का जाम हो गया है। सालों से पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कोर्पोरेशन (PRTC) और पनबस में ठेके पर नौकरी करने वाले मुलाजिम पक्की नौकरी को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी हड़ताल के बाद 80 फीसदी सरकारी बसें नहीं चलेंगीं, जिससे आम लोगों को बड़ी समस्या होने वाली है।

आज पंजाब के 27 बस स्टैंड से बसें नहीं चलेंगीं, इन्हें रात 12 बजे ही बंद कर दिया गया था। आज पंजाब ही नहीं बल्कि पंजाब से बाहर हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भी समस्याएं होंगीं। पंजाब रोडवेज पन बस/PRTC कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के नेताओं ने ऐलान किया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो वह संघर्ष को और तेज करेंगे।

लुधियाना बस स्टेंड पर प्रदर्शन करते PRTC के कच्चे मुलाजिम।
लुधियाना बस स्टेंड पर प्रदर्शन करते PRTC के कच्चे मुलाजिम।

8 दिसंबर को मुख्यमंत्री की कोठी का घेराव करेंगे कर्मचारी
सरकारी बसों के मुलाजिम हड़ताल पर रहते हुए 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकारी रिहायश का घेराव करने जा रहे हैं, इससे पहले सभी 27 डिपुओं पर मुलाजिमों की तरफ से रोष प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके बाद वह अगले संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेंगे।

बार-बार मिल रहे आश्वासन पर अब मुलाजिमों को यकीन नहीं
यूनियन नेता रेशम सिंह ने बताया कि सबसे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उन्हें विभागों में पक्का कर देंगे। नए बने परिवहन मंत्री ने भी 6 सितंबर को उन्हें पक्का करने का आश्वासन दिया। इसी तरह का आश्वासन 12 सितंबर को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दिलाया था कि 20 दिन में पक्का कर दिया जाएगा, इसके बाद एक्ट लाया गया तो इससे साफ हुआ है कि इससे उनका कोई भी मुलाजिम पक्का नहीं होने वाला है। इसके बाद 22 नवंबर को वह परिवहन मंत्री से मिले तो उनकी ओर से पहली कैबिनेट मीटिंग में उन्हें पक्का करने का आश्वासन दिया गया, मगर 1 दिसंबर की बैठक होने के बाद भी उन्हें पक्का नहीं किया गया।

लुधियाना बस स्टैंड में हड़ताल के कारण खड़ी बसें।
लुधियाना बस स्टैंड में हड़ताल के कारण खड़ी बसें।

परिवहन मंत्री के दावों पर भी खुलासा
यूनियन नेता बताते हैं कि सरकार की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि उनकी तरफ से सरकारी खजाने में बसों के माध्यम से बढ़ोतरी की गई है, जबकि यह सभी बसें कर्ज लेकर खरीदी जाती हैं और कर्ज मुलाजिम उतारते हैं। क्योंकि सरकार कर्ज लेने को मंजूरी नहीं देती है, जिस कारण पंजाब रोडवेज की 2407 बसों में से 399 बसें ही रह गई हैं। पंजाब की आबादी 2 करोड़ है और कम से कम 10000 बसों की जरूरत है। सरकार फ्री बस सेवा देने के ऐलान तो कर देती है, लेकिन यह सब चुनावी जुमलों के सिवा कुछ नहीं है।

2500 बसें बंद, रोजाना का घाटा 4 करोड़
पंजाब में आज से शुरू हुई हड़ताल के बाद 2500 बसें बंद हो जाएंगीं, पंजाब रोड़वेज पनबस और PRTC के 7500 मुलाजिम हड़ताल पर रहकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेंगे और इससे 27 डिपुओं को रोजाना 4 करोड़ रुपए का घाटा होने वाला है।

इन मांगों को लेकर संघर्ष
- सरकारी ट्रांसपोर्ट को बचाने लिए 10000 नई सरकारी बसें चलाई जाएं
- कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाए
- एडवांस बुक्कर, डाटा एंट्री ऑपरेटरों का वेतन बढ़ाया जाए
- निकाले गए मुलाजिमों को दोबारा भर्ती किया जाए

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