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डाउनलोड करेंसिविल अस्पताल समेत जिले के सरकारी हेल्थ सेंटर्स में पक्के स्टाफ की हड़ताल शुरू हो गई है। नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल का सबसे अधिक असर सिविल अस्पताल में रहा, जहां कई गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया गया। सिविल अस्पताल में मंगलवार सुबह 9 बजे नर्सिंग एसोसिएशन के स्टाफ की तरफ से अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर बैठकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया गया, जबकि अस्पताल में सुबह से ही मरीजों का इमरजेंसी में आना जारी रहा।
एक तरफ नर्सिंग स्टाफ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था, तो अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर्स पर मरीज को लाया जा रहा था। हालांकि अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों की तरफ से मरीजों को प्राथमिक उपचार यानी फर्स्ट एड देकर वापस भेजा जा रहा था, जबकि अस्पताल में मंगलवार को किसी भी मरीज को दाखिल नहीं किया गया है। करीब 25 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उधर, सिविल अस्पताल में बुधवार को नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल जारी रहेगी।
पीड़ा नजरंदाज- स्ट्रेचर पर बेबस मरीज रोते रहे लेकिन पास में हड़ताल पर बैठी नर्सों को तरस नहीं आया
सिविल अस्पताल में मंगलवार को पक्के नर्सिंग स्टाफ ने कोई काम नहीं किया, एनआरएचएम के अधीन काम करने वाली स्टाफ नर्सें हड़ताल पर होने के कारण किसी की अस्पताल में ड्यूटी नहीं लग सकी है। इस कारण अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में किसी भी गर्भवती महिला की डिलीवरी और सिजेरियन नहीं हुआ। इसके अलावा अस्पताल में पहुंचने वाली महिलाओं को सीटी स्कैन करवाने में भी दिक्कत पैदा हुई। जबकि पूरे अस्पताल में मंगलवार को नर्सिंग स्टूडेंट्स ने ही काम को संभाला है। नशा छुड़ाऊ केंद्रों का स्टाफ हड़ताल पर होने के कारण रोजाना के मरीजों को सेंटर की देखरेख में एनजीओ ने दवाएं दीं। डी-एडिक्शन सेंटर में किसी भी मरीज को सेंटर में दाखिल नहीं किया गया।
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