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डाउनलोड करेंजालंधर विजिलेंस ब्यूरो ने नवांशहर के एक पटवारी को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। पटवारी ने चाचा की नंबरदारी को भतीजे के नाम पर ट्रांसफर करने के बदले यह रिश्वत मांगी थी। जिसके खिलाफ भतीजे ने विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत कर दी। इसके बाद विजिलेंस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से ट्रैप लगा आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ विजिलेंस थाने में एंटी करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
जालंधर विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि गुरमुख सिंह निवासी माहल खुर्द ने शिकायत दी थी कि वह खेतीबाड़ी का काम करता है। उसके चाचा गुरनेक सिंह की इसी साल 16 जनवरी को मौत हो गई। वह गांव के नंबरदार थे। परिवार के लोगों ने चाचा की जगह उसे नंबरदारी देने की सहमति दे दी। उसने केस तैयार कर नवांशहर के तहसीलदार को दे दिया। जिसमें सारे दस्तावेज लगा दिए। उस पर कार्रवाई के लिए फाइल नवांशहर तहसील के माहल खुर्द के तत्कालीन पटवारी ओम प्रकाश के बाद आ गई।
पटवारी ने पहले ही 15 हजार ले लिए
पटवारी ने नंबरदारी के लिए जमीन के मालिक होने की तस्दीक और नक्शे तैयार कर तहसीलदार को भेजने थे। जब वह इसके बारे में पटवारी ओमप्रकाश को मिला तो उसने 15 हजार रुपए ले लिए। पटवारी ने कहा कि कागजों पर यह खर्चा आना है। उसने इसकी कोई रसीद नहीं दी।
दोबारा गया तो 5 हजार और मांगने लगा
जब वह 13 सितंबर को पटवारी को मिला और काम करने की गुजारिश की तो उसने कहा कि इस तरह काम जल्दी नहीं होते। उसने 5 हजार रुपए और मांगे। जब गुरमुख ने कहा कि मैं 15 हजार रुपए पहले ही दे चुका हैं, तो पटवारी बोला कि नंबरदारी के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करते हैं। इसके बाद रुपए देने का वादा कर वह लौट आया और विजिलेंस को शिकायत कर दी। जिसके बाद विजिलेंस ने टीम तैयार कर आरोपी को रंगेहाथों पकड़ लिया।
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