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पंजाब में बाबूओं को 25 लाख तिरंगे बेचने का जिम्मा:स्कूलों के लिए भी फंड नहीं; प्राचार्य अपने खर्चे पर खरीदेंगे, लोगों को किया मजबूर

जालंधर10 महीने पहले
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दफ्तर में बेचने के लिए रखे तिरंगे - Money Bhaskar
दफ्तर में बेचने के लिए रखे तिरंगे

देश इस बार 75वां आजादी दिवस मना रहा है। हर तिरंगा को लेकर देशभर में सरकारी स्तर पर मुहिम चल रही है। पंजाब में इसी मुहिम के तहत सरकार अपने संस्थानों में निशुल्क तिरंगा झंडा देने की बजाय अपने दफ्तरों में लॉट भेजकर इन्हें बेच रही है। सरकार ने बाकायदा अपने दफ्तरों में रेट लिखकर दो तरह के तिरंगे दफ्तरों में बेचने के लिए भेजे हैं।

सरकार ने जारी नहीं किया फंड

सरकारी और निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर सरकार ने आदेश दिए हैं वह दो राष्ट्रीय ध्वज अनिवार्य रुप से खरीदें। एक अपने लिए और दूसरा स्कूल भवन पर लगाने के लिए खरीदें। यहां पर हैरानीजनक यह है कि इन झंडों को खरीदने के लिए सरकार ने कोई फंड जारी नहीं कर रखा है। बल्कि प्रधानाचार्यों को यह तिरंगे झंडे अपनी जेब से पैसे खर्च करके खरीदने होंगे। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को ही आदेश दिए गए हैं कि वह भी अपने लिए तिरंगा दफ्तरों में जाकर खरीदेंगे।

यहां भी झंडे के लिए किया जा मजबूर

यही हाल तहसीलों में भी है। तहसीलों में भी यदि जमीन की खरीद-फरोख्त पर रजिस्ट्री करवाने आ रहा है तो उसे झंडा खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहां पर झंडा सेल करने के टार्गेट दफ्तरों में बाबुओं को दे रखे हैं। तिरंगे झंडे दो तरह के भेजे गए हैं। एक कीमत पच्चीस रुपये हैं जबकि दूसरी किस्म के तिरंगे की कीमत 18 रुपये वसूली जा रही है।

तिरंगे बेचने के लिए भेजी गई चिट्ठी
तिरंगे बेचने के लिए भेजी गई चिट्ठी

दफ्तरों में बाबू भी परेशान

जिला शिक्षा अधिकारी जालंधर के दफ्तर में नीचे ब्लाक स्तर पर झंडे पहुंचाने की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ सहायक रुबीना को दे रखी है। उन्होंने बताया कि उनके पास 12300 झंडे भेजे गए थे। लेकिन जब पैकिंग खोल कर झंडों की गिनती की गई तो यह 10559 निकले। जितने झंडे निकले वो सारे सेल हो गए हैं जबकि आठ सौ झंडे और बेचे गए हैं।

राज्य में संस्कृति मंत्रालय से आए 25 लाख राष्ट्रीय ध्वज

केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय से पंजाब के लिए 25 लाख राष्ट्रीय ध्वज आए हैं। इनमें से 2 लाख 22 हजार तिरंगे झंडे जालंधर जिले में बेचे जाने हैं। विभिन्न विभागों में राष्ट्रीय ध्वज की सप्लाई भेजी जा रही है। यह सारे तिरंगे क्रेडिट आधार पर दफ्तरों को भेजे गए हैं। दफ्तरों में बाबू इन्हें बेचकर सरकार के खजाने में पैसे जमा करवाएंगे।

झंडे दो तरह से भेजे गए हैं। बड़े साइज का झंडा 20 वाई 30 और छोटे साइज का झंडा 16वाई 24 साइज का है। बड़े साइज के झंडे की कीमत 25 रुपए और छोटे साइज के झंडे की कीमत 18 रुपए निर्धारित की गई है। यह सारे तिरंगे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भेजे गए हैं। केंद्र सरकार ने हर घर तिरंगा की मुहिम का जो एलान किया है उसके तहत बेचे जा रहे हैं।