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डाउनलोड करेंपंजाब के फगवाड़ा शुगर मिल के सामने हाईवे पर बैठे किसानों का धरना धीरे-धीरे सिंघु बार्डर का रूप लेता जा रहा है। किसानों के धरने पर सिंघु बार्डर के की तरह अब नेता भी हाजिरी लगाने पहुंचने लगे हैं। शनिवार को जालंधर कैंट से विधायक एवं हाकी ओलंपियन परगट सिंह के साथ-साथ फगवाड़ा के विधायक बलविंदर सिंह ने भी हाजिरी लगाई। दोनों नेता धरने में आए और वहां पर किसानों के बीच बैठे।
MLA बोले- वे किसानों के साथ
दोनों नेताओं ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं। सिंघु के संघर्ष में भी साथ थे और अब फगवाड़ा में गन्ने का बकाया को लेकर धरने पर बैठे किसानों के भी साथ हैं। दोनों कांग्रेसी नेताओं के धरने पर आने को लेकर किसान नेता मनजीत सिंह राय से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है किसानो का मंच है। इसमें सभी का स्वागत है। यहां पर कोई भी आ सकता है। वैसे भी परगट सिंह किसान परिवार से आते हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
ये सरकार का काम: राजेवाल
हाईवे पर बैठे किसानों के धरने में आज संयुक्त किसान मोर्चा के बलवीर सिंह राजेवाल ने भी अपने समर्थकों के साथ हाजिरी लगाई। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए रहा कि गन्ने की अदायगी करना सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि जितना पंजाब में किसानों का गन्ना बकाया फंसा हुआ है वह सरकार के लिए मामूली सी बात है। इससे ज्यादा तो उन्होंने बजट में प्रावधान किया होता है।
राजेवाल ने कहा कि सरकार के नुमाइंदे झूठ बोलते हैं। यदि सरकार चाहे तो शुगर मिल को टेकओवर भी कर सकती है। इसे खुद चला सकती है, और सरकार को इसे टेकओवर करके चलाना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के पैसे दिलवाने, मिलों को चलाना उनका रखरखाव करना यह सब सरकार के काम हैं।
ब्याज के साथ करें भुगतान
उन्होंने कहा कि कानूनन अब सरकार को किसानों को जो गन्ने के पैसे देने हैं वह ब्याज के साथ दे। मिल मालिकों के खिलाफ फ्रॉड का केस दर्ज करे। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो सुबह मिल मालिक को लाकर सामने खड़ा कर दे। लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि कृषि का पौने तीन सौ करोड़ का बजट है। सरकार उसमे से भी पैसे दे सकती है। उन्होने मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के बयान पर भी हैरानी जताई कि सरकार के पास जहर खाने के लिए पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे सभी लोग ड्रामे कर रहे हैं।
किसान एकजुट, गलत फहमी न पाले सरकार
राजेवाल ने कहा कि पंजाब के सभी किसान संगठन एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के आपस में व्यक्तिगत मतभेद हो सकते हैं लेकिन मंच पर सभी किसान एकजुट हैं। सरकार इस गलफहमी में ना रहे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि एसी कोई गलतफहमी है तो उसे वह अपने दिमाग से निकाल दे। किसानों के आंदोलन के रुपरेखा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसका निर्णय लेकर बताया जाएगा।
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