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डाउनलोड करेंमाइनिंग माफिया अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के नाक तले खेतों से मिट्टी की माइनिंग लगातार करता कर रहा है, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक नहीं है। जानकारी के मुताबिक थाना तिब्बड़ से मात्र 50 मीटर दूर गांव तिब्बड़ में 20 एकड़ जमीन में माइनिंग का काम चल रहा था। इस संबंधी पता चलने पर शिव सेना नेता हरविन्दर सोनी ने मौके पर पहुंचे। मौके पर मीडिया कर्मियों देखकर एक जेसीबी और 3 टिप्पर मौके से फरार हो गए। इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस ने एक जेसीबी और एक टिप्पर कब्जे में लिया है।
मौके पर पहुंचे थाना तिब्बड़ के प्रभारी अमरीक सिंह ने कहा कि यह गांव वाले भट्ठे वालों को अपनी जमीन से मिट्टी खोदने के लिए देते हैं। मैंने मौके पर पहुंच कर देखा है। बाकी खेतों से हो रही माइनिंग संबंधी मुझे अभी तक किसी ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। माइनिंग अधिकारी आकर चेक करेंगे और वो देखेंगे कि कितने खेतों से मिट्टी की माइनिंग हुई है। वो जैसी रिपोर्ट हमें देंगे हम उसी हिसाब से मामला दर्ज करेंगे।
पैसों के लालच में ज्यादा माइनिंग करवाते लोग
जानकारी के मुताबिक गांव तिब्बड़ के करीब 20 एकड़ के रकबे में जेसीबी से 5 से 6 फीट तक की मिट्टी खोदी गई है। जबकि पंजाब सरकार की हिदायतों के अनुसार सिर्फ 2 से ढ़ाई फीट तक की मिट्टी खोदने के आदेश हैं। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि गांव के लोग पैसों के लालच में अपने खेतों से मिट्टी की माइनिंग करवाते हैं, क्योंकि एक एकड़ में से अगर एक फीट मिट्टी निकलती है, तो उसके बदले में खेत के मालिक को डेढ़ लाख मिलते हैं। इसके चलते लोग खेतों को बंजर बनाते जा रहे हैं। अगर खेतों से इतनी मिट्टी निकाली जा रही है तो आने वालों कुछ सालों तक फसल नहीं होगी।
15 दिन पहले ही छापेमारी पर भागा माइनिंग माफिया, इसके बाद डीसी से ले आया परमिशन
मौके पर पहुंचे माइनिंग अधिकारी मनमोहन शर्मा ने कहा कि करीब 15 दिन पहले उक्त लोगों इस जगह पर छापेमारी की गई थी। हमारी टीम के पहुंचते ही सभी फरार हो गए थे। इसके बाद उक्त लोग डीसी मोहम्मद इश्फाक से संपर्क किया था। इसके बाद उक्त लोगों को ढ़ाई से पौने तीन फीट तक मिट्टी खोदने की आज्ञा दी गई थी। इसके चलते उक्त लोगों से खेतों की फरद और कागजात मांगे गए थे, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।
आज मौके पर देखा गया कि उक्त लोगों ने 5 से 6 फीट तक की मिट्टी खोदी है। सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस को अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद केस तैयार कर माल विभाग व एसडीएम से खेतों की निशानदेही करवा कर जिस किसान का खेत होगा उस को पैनल्टी लगाई जाएगी।
कृषि विशेषज्ञ बोले- जितना पैसा मिलेगा उतना तो रूड़ी डालने में लग जाएगा
एग्रीकल्चर चीफ ठाकुर रणधीर ने बताया कि अगर खेतों से पांच से छह फीट तक मिट्टी निकाली गई है तो वहां पर अगले तीन से चार साल तक कोई फसल नहीं होगी क्योंकि खेतों को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए उसमें रूड़ी, खाद आदि डालनी होगी। इतना तो लोगों को पैसा नहीं मिलेगा जितना फिर से जमीन बनाने में लग जाएगा। अगर हम खेतों से छह इंच तक की मिट्टी खोदते हैं तो वहां पर एक साल तक फसल नहीं होती। क्योंकि से फिर से उपजाऊ बनाने में ही एक साल निकल जाता है।
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