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डाउनलोड करेंसिविल सर्जन फाजिल्का डाॅ. तेजवंत ढिल्लों ने आज जानकारी देते हुए बताया कि आजकल तापमान 40 से 45 डिग्री चल रहा है, जो कि सभी के लिए बहुत मुश्किल पैदा कर सकता है, क्योंकि जब भी तापमान 40 डिग्री से अधिक जाए तो गर्मी की लहर की स्थिति बन जाती है। बढ़ता हुआ तापमान शरीर की तापमान नियम प्रणाली को बिगाड़ देता है और गर्म लू के साथ संबंधित बीमारियों का कारण बन जाता है।
वैसे तो कोई भी गर्मी या लू से पीड़ित हो सकता है, परंतु सबसे अधिक खतरा नए जन्मे बच्चों, गर्भवती माताओं, 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों, मजदूरी करने वाले, मोटापे के साथ पीड़ित, मानसिक बीमारी के शिकार और जो शारीरिक तौर पर बीमार होने, खास करके दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रैशर के साथ पीड़ित हों। डा. ढिल्लो ने कहा कि उपरोक्त लोगों को कुछ हिदायतों का पालन जरूर करना चाहिए।
वह बाहर के काम प्रातःकाल शाम करने, हर आधे घंटे बाद पानी पीओ, चाहे प्यास न हो, मिर्गी, दिल, गुर्दे या जिगर की बीमारी वाले जो कि तरल पदार्थों की सीमित खुराक और पानी का सेवन बढ़ाने से पहले अपने डाक्टर के साथ सलाह जरूर करें, बाहर काम करने वाले हलके रंगों के कपड़े पहनने, पूरी बाजू वाली शर्ट और पेंट पहनने, सीधी धूप से बचाने के लिए छाता, टोपी, तोलिया, पगड़ी या दुपट्टे का प्रयोग किया जाए, नंगे पैर धूप में बाहर न निकला जाए, हमेशा पानी के साथ रखा जाए, मौसमी फल जैसे कि तरबूज, खरबूजे, संतरे व खीरे आदि का सेवन किया जाए।
साथ ही आंखों की सुरक्षा के लिए काले चश्मे लगाए जा सकते हैं। घरों के खिड़की और दरवाजे और पर्दे लगाकर रखें, परंतु इसके साथ ही अगर गर्म लाल और खुशक चमड़ी हो या बहुत तेज सिर दर्द, बेचैनी, चक्कर आने, बेहोशी, मासपेशियों की कमजोरी, सिकुड़न, जी कच्चा होना, उलटी आना,दिल की धड़कन तेज होना, सांस फूलने संबंधी बीमारियां हों तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल के साथ संपर्क कायम किया जाए, ताकि मौके पर इलाज हो सके।
इस मौके पर जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने कहा कि हमें धूप में निकलने से बचना चाहिए, खासकर दोपहर 12 से 3 बजे तक, चाय, काफी, शराब और वह तरल पदार्थ जिनमें बहुत अधिक चीनी और गैस हो, जैसे सोडा आदि से परहेज किया जाए, तले हुए और बासी खाने से परहेज किया जाए।
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