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डाउनलोड करेंजिला फाजिल्का के प्राइमरी अध्यापकों को आज 20 दिन बीत जाने के बावजूद अप्रैल महीने का वेतन न मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पहली बार है कि नया साल/सेशन 2022-23 शुरू होने के बाद दूसरे महीने ही अध्यापकों की वेतन पर ‘मौखिक रोक’ लगा दी गई। इस संबंधी दफ्तर के साथ बातचीत करने पर कह दिया जाता है कि उच्चाधिकारियों के आए ‘जुबानी आदेशों’ के कारण अध्यापकों का वेतन रोका गया है और कुछ कर्मचारियों का कहना है कि फाजिल्का जिले के शिक्षा ब्लाॅकों में प्राइमरी अध्यापकों के वेतन का बजट ही खत्म हो गया है।
इस बारे में गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन पंजाब जिला फाजिल्का के प्रधान परमजीत सिंह शोरेवाला, महासचिव निशांत अग्रवाल, वित्त सचिव अमनदीप सिंह, सीनियर उपप्रधान परमजीत सिंह, कुलबीर सिंह ब्लाॅक प्रधान विनय कुमार, धीरज मिगलानी, राकेश माहिर, विनय कुमार, रजिंदर कुमार, लैक्चरर रजनीश कुमार, हैड मास्टर सुधीर जैन, सीएचटी प्रवीण रानी मुख्य अध्यापक राजीव कुमार, बलजीत सिंह, विनोद कुमार, मिंटू वर्मा, विजय कुमार, राज खत्री, मनजिन्दर सिंह, सौरभ धूड़िया, मोनिका रानी, भावना, शगन लाल सतिंद्र कुमार, कुलदीप सिंह ने कहा कि प्राइमरी अध्यापकों को वेतन न मिलने कारण बैंक की होम लोन, अदायगी या समय पर किश्त भुगतान आदि और रोज के अन्य खर्चों बारे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण उनमें भारी रोष है।
उन्होंने प्रेस को बयान जारी करते राज्य के मुख्यमंत्री मान, शिक्षा मंत्री मीत हेयर और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों, डीपीआई (एलिमेंट्री) पंजाब से मांग की है कि प्राइमरी अध्यापकों के वेतन के लिए बजट तत्काल तौर पर अलाट किया जाए और तुरंत वेतन जारी किए जाएं, जिससे उनको आर्थिक तौर पर मुश्किलों का सामना न करना पड़े, नहीं तो उनको भी अपने वेतनों के लिए संघर्ष के रास्ते पर चलना पड़ेगा।
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