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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक संघ का धरना:नोटिस के खिलाफ उग्र प्रदर्शन की चेतावनी

विदिशा2 महीने पहले
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विदिशा में लंबे समय से आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर ने काम पर वापिस आने का नोटिस दिया था जिसके खिलाफ आज आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सामूहिक रूप से कलेक्ट्रेट पहुंची और मैं अपनी मांगों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।

पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और परियोजना अधिकारी आंदोलन कर रहे हैं जिसके बाद कलेक्टर ने 2 दिन पहले सबको नौकरी पर वापस आने का नोटिस जारी किया था साथ ही अल्टीमेटम दिया गया था की आंदोलनकारी नौकरी पर वापस नहीं आए तो उनके खिलाफ सेवा से बर्खास्त करने तक की कार्रवाई की जा सकती है। नोटिस के खिलाफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर वहां धरना प्रदर्शन किया।

आंदोलनकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम अपने हक की लड़ाई को लेकर आंदोलन कर रहे हैं शासन हमारे आंदोलन को खत्म करने के लिए नोटिस जारी किया था लेकिन हम डरेंगे नहीं हम वेतनमान बढ़ाए जाने की मांग सहित और भी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे थे लेकिन हमारे आंदोलन को खत्म करने के लिए हमें नौकरी पर वापस आने का नोटिस दिया गया था। दूसरे जिलों में उनके साथी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया गया है, जो कि गलत है , लेकिन हम लोग आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती और हमारे साथी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दोबारा से नौकरी पर बहाल करने की कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

पर्यवेक्षक संघ रचना बुनकर ने कहा कि हम ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री जो मुख्यमंत्री होने के साथ उनके विभागीय मंत्री भी हैं से अपनी बात रखना चाहते हैं।कम से कम हमारी बातें सुनी जाएं और जायज मांगों पर गौर किया जाए उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शासन और प्रशासन द्वारा दिए नोटिस से वह अपनी हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि विदिशा में कलेक्टर ने आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर को एक साथ 4171 नोटिस करके हड़ताल खत्म करने के निर्देश दिए थे। नोटिस में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंदोलन में शामिल लोगों से हड़ताल खत्म करके नौकरी पर वापस आने को कहा गया था और इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई थी कि अगर नौकरी पर ज्वाइन नहीं करेंगे तो उनकी सेवा बर्खास्त जैसी सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है।