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डाउनलोड करेंउमरिया जिले में धान कटाई के बाद अब पराली एक समस्या बन गई है। किसानों ने खेतों में धान की कटाई के बाद पराली जलाना शुरू कर दिया है। किसानों की धान कटाई के बाद बची नरवाई को जलाकर खेत में नष्ट कर दिया जाता है।
पर्यावरण और वन्यजीव होते हैं प्रभावित
नरवाई (पराली) जाने से खेतों की उर्वरा क्षमता प्रभावित होती ही है। साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नरवाई जलाने से जमीन के नीचे रहने वाले जीव सांप-बिच्छू अन्य भी प्रभावित होते हैं।
जागरूकता का अभाव
जिले में कृषि विभाग ने नरवाई ना जलाने का आदेश जारी तो किया गया लेकिन किसानों को जागरूकता के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए गए और फील्ड में कार्यरत कर्मचारी द्वारा भी नरवाई जलाने और प्रदूषण को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
कृषि विभाग के अधिकारी राशिद खान ने बताया कि हमने आदेश जारी किया है। कृषि विभाग के कर्मचारियों और ग्राम पंचायतों के सचिवों से कहा है कि किसान नरवाई ना जलाए।
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