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डाउनलोड करेंश्रावण-भादौ में महाकालेश्वर प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी में सवार बाबा के सुलभ दर्शन हो, इसे लेकर श्रद्धालुओं ने पालकी की ऊंचाई बढ़ाने का आग्रह किया है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति सदस्य भी इससे सहमत है। उनका कहना है परंपरा में बदलाव किए बिना पालकी की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है। काेरोना के कारण दो साल तक सवारी को परंपरागत मार्ग की जगह बदले हुए मार्ग से निकाला गया। अब परिस्थितियां अनुकूल होने पर इस साल सवारी फिर से परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी। श्रावण की शुरुआत 14 जुलाई से होगी। पहली सवारी 18 जुलाई को निकाली जाएगी।
दो साल निकलने वाली सवारी में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की संभावना है। ऐसे में श्रद्धालुओं ने पालकी की ऊंचाई बढ़ाने का आग्रह किया है। 2019 में समाजसेवी शैलेंद्र व्यास स्वामी मुस्कुराके ने भी प्रशासन को सुझाव दिया था कि एक चलित स्टैंड का प्रयोग किया जाए, जिससे परंपरा का निर्वाह भी होगा और पालकी निकालने में सुविधा के साथ अधिक से अधिक श्रद्धालुओं काे दर्शन लाभ मिलेंगे। प्रस्ताव मंदिर समिति की बैठक में भी उठा लेकिन निर्णय नहीं हो सका।
पहले हो चुके बदलाव
मंदिर प्रबंध समिति सदस्य बोले- परंपरा का निर्वाह करते हुए बढ़ाई जा सकती है ऊंचाई
पालकी की ऊंचाई बढ़ाई जानी चाहिए लेकिन वह असंतुलित न हो, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। पूर्व में भी बदलाव हुए हैं। इसे मंदिर समिति की श्रावण व्यवस्था को लेकर होने वाली बैठक में उठाएंगे।
राम गुरु, सदस्य मंदिर प्रबंध समिति
पालकी की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है लेकिन इससे परंपरा का उल्लंघन न हो। सर्वानुमति से एक निर्णय लिया जाए। ऐसी व्यवस्था करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा दर्शनार्थियों को लाभ मिल सके।
राजेंद्र गुरु, सदस्य मंदिर प्रबंध समिति
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