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भास्कर एक्सक्लूसिव9 साल की बेटी बोली– मम्मी-पापा दोनों चाहिए:11 साल पुरानी लव स्टोरी, अब एक-दूसरे का मुंह नहीं देखना चाहते; पति पर केस,पत्नी मांग रही तलाक

कपिल मिश्रा । शिवपुरी4 महीने पहले
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9 साल की मासूम बेटी मां-बाप के झगड़े में पिस रही है। मुस्कान गायब सी हो गई है। मां को याद कर रोती रहती है। पिता की गोद में लिपटी हुई बेटी बोलती है- मां को लाओ। मुझे मां के साथ रहना है। तीसरी क्लास में पढ़ने वाली बच्ची सिर्फ मम्मी-पापा का प्यार चाहती है। बेटी अपने पापा के साथ रह रही है। वो चाहती है मम्मी भी साथ रहें, लेकिन हालात ऐसे हैं कि दोनों एक-दूसरे का मुंह तक नहीं देखना चाहते। 11 साल पहले शुरू हुई लव स्टोरी में विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत तलाक तक आ गई। पति तो बेटी की खुशी के लिए सबकुछ भूलने को तैयार है, लेकिन उसे पत्नी की हामी का इंतजार है।

शिवपुरी में शुक्रवार को पिता के साथ थाने पहुंची मासूम पूरे समय रोती रही। पुलिस ने जब उससे पूछा कि तुम किसके साथ रहना चाहती हो, तो उसने कहा- मम्मी और पापा दोनों चाहिए। इसके बाद वह मां को याद करते हुए रोने लगी। शिवपुरी के सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अमित भदौरिया ने बताया कि महिला ने अपने पति पर मारपीट और मोबाइल छीनने के आरोप लगाए हैं। दोनों के बीच विवाद चल रहा है। एक-दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। महिला ने तलाक के लिए भी कोर्ट में केस दायर किया है। पुलिस ने पति के खिलाफ फिलहाल मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

सबसे पहले इस टूटते परिवार में जारी विवाद की वजह जानते हैं...

कहानी थाने पहुंचने की...

पति ने बताया कि 27 दिसंबर को मेरी सास घर आई थीं। यहां पर उसने पत्नी से न जाने क्या कहा कि हम दोनों के बीच विवाद हो गया। 1 जनवरी को भी पत्नी ने विवाद किया और गुस्सा बताते हुए वह अपने मायके चली गई। 5 जनवरी को पत्नी ने कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन कर दिया। इसकी जानकारी मुझे 8 जनवरी को लगी। उसने मेरे खिलाफ थाने में शिकायत भी कर दी।

पत्नी ने पति के खिलाफ थाने में मोबाइल और पर्स छीनने की शिकायत दर्ज करवाई है।
पत्नी ने पति के खिलाफ थाने में मोबाइल और पर्स छीनने की शिकायत दर्ज करवाई है।

पति ने कहा- 10 साल से लिव-इन में हैं

मैं मूलत: ग्वालियर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र- 31 साल है। मेरा घर शिवपुरी देहात थाना क्षेत्र में है। 15 साल पहले मैं अपने मामा के यहां शिवपुरी रहने आ गया था। यहां पर रंगाई-पुताई का काम शुरू किया। मामा के घर के सामने ही एक लड़की रहती थी। 2011 में हम दोनों की पहली मुलाकात हुई। धीरे-धीरे दोस्ती गहराई और यह प्यार में बदल गई। हम दोनों करीब एक साल तक चोरी-छिपे मिलते रहे। एक दिन लड़की के परिवार को हमारे प्यार की भनक लग गई। उन्होंने विरोध किया। हम साथ रहना चाहते थे, इसलिए 2012 में घर से भागने की प्लानिंग कर ली।

एक दिन मौका पाकर घर से निकले और ग्वालियर पहुंचे। हमने यहां शादी कर ली। यहीं पर अपना ठिकाना खोजा और रहने लगे। एक-दो महीने यहां रहने के बाद गांव-घर के माहौल का पता किया। एक दिन वापस शिवपुरी लौट आए। हम सीधे लड़की के घर पहुंचे। कह दिया- हमने शादी कर ली है। इसके बाद हमने दूसरे मोहल्ले में किराए से कमरा लिया और फिर पति-पत्नी की तरह रहने लगे।

पति का कहना है कि पत्नी के आरोप पूरी तरह गलत हैं। उसे लग रहा है कि अब मैं उससे इस संबंध में पूछताछ कर परेशान करूंगा।
पति का कहना है कि पत्नी के आरोप पूरी तरह गलत हैं। उसे लग रहा है कि अब मैं उससे इस संबंध में पूछताछ कर परेशान करूंगा।

2013 में हमारे घर खुशियां आई। बिटिया का जन्म हुआ। बेटी के आने के बाद पारिवारिक गिले-शिकवे दूर हो गए। पत्नी ने अपने मायके आना-जाना शुरू कर दिया। मैं सुबह काम पर निकलता तो पत्नी बेटी को लेकर अक्सर अपनी मां के घर चली जाया करती थी। मैं भी रोक-टोक नहीं करता था। मुझे नहीं पता था कि यहां मेरी सास मेरे खिलाफ ही पत्नी को भड़का रही है। कुछ समय पहले पत्नी ने मुझसे विवाद किया और मेरे खिलाफ थाने पर आवेदन दे दिया। इसके बाद ही हमारे बीच दरार बढ़ने लगी।

बेटी अपनी मां के लिए तड़प रही थी। बेटी के आंसुओं ने मुझे कमजोर बना दिया। वह बार-बार मां को वापस लाने की गुहार लगा रही थी। बेटी के आंसू देख मैं उसे लेकर 26 जनवरी को पत्नी को वापस घर लाने के लिए निकला। बाइक से मैं बेटी को लेकर अपने ससुराल पहुंचा। यहां पत्नी नहीं मिली। किसी ने कहा- तुम्हारी पत्नी को पोहरी बस स्टैंड की ओर जाते देखा था। इस पर मैं बस स्टैंड की ओर उसे खोजने निकला। यहां पत्नी रात साढ़े 10 बजे मिली। मैंने पीछा कर रोका। पत्नी को साथ चलने के लिए कहा। वह विवाद करने लगी। बेटी भी मां से वापस चलने की गुहार लगाने लगी। पत्नी ने एक नहीं सुनी और जाने लगी। इस पर मैंने उसका पर्स छीन लिया। उससे फिर कहा- घर लौट चल। मैंने पर्स खोला, तो उसका मोबाइल मिल गया। मोबाइल चेक किया तो आपत्तिजनक तस्वीरें थीं। मैंने कुछ फोटो अपने नंबर पर सेंड कर लिए।

पत्नी ने इसी दौरान बच्ची काे धक्का दे दिया। इसके बाद बेटी ने कहा- पापा वापस घर चलाे। मैंने उसका बैग और मोबाइल बच्ची काे पकड़ा दिया। हम बाइक से वहां से जाने लगे, तो पत्नी के साथ मिले दोनों लड़के हमारा पीछा करने लगे। मौका पाकर उन्होंने बेटी के हाथ से पर्स छीना और भाग निकले। मेरे मोहल्ले में आकर एक बार पूछ लीजिए, यदि कोई भी मुझे गलत कह दे तो। मैं भी सिर्फ बेटी की खातिर झुक रहा हूं। 27 जनवरी को पता चला कि पत्नी ने मेरे खिलाफ मोबाइल और पर्स छीनने की शिकायत दर्ज करा दी है। मैंने पुलिस को पत्नी के वो फोटो भी दिखाए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है, सब सच सामने आ जाएगा।

(जैसा कि बच्ची के पिता ने दैनिक भास्कर को बताया)

पत्नी का कहना है कि पति मारपीट करता है। वह आए दिन उसे प्रताड़ित करता है।
पत्नी का कहना है कि पति मारपीट करता है। वह आए दिन उसे प्रताड़ित करता है।

अब पत्नी की जुबानी, प्रताड़ना की कहानी

मेरी उम्र- 28 साल है और मैं 10 साल से पति की प्रताड़ना सह रही हूं। वो आए दिन मारपीट करता है। हाल ही में उन्होंने मुझे इतना पीटा कि मेरा सिर फट गया। उन्होंने मोबाइल और मेरा बैग तक छीन लिया। वह गंदी मूवी दिखाकर मारपीट के अलावा उल्टे-सीधे तरीके से संबंध बनाते हैं। मैं करीब 10 बार उसकी शिकायत करने थाने आ चुकी हूं। मारपीट करने पर पति की शिकायत लेकर देहात थाना और महिला थाना पहुंची, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर सिटी कोतवाली पहुंची हूं। मुझे तलाक चाहिए, अब मैं उसके साथ एक पल नहीं रह सकती हूं। मैंने तो तलाक के लिए आवेदन भी कर दिया है।

पुलिस ने जल्दबाजी में केस दर्ज किया: बाल कल्याण समिति

बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय खेमरिया का कहना है कि पुलिस ने जल्दबाजी में केस दर्ज किया है, जो गलत है। ऐसे प्रकरणों में बहुत से उदाहरण हैं, जिनमें कहा गया है कि जब भी पति-पत्नी का विवाद हो, बच्चा बीच में हो, तो पहले जांच कर दोनों पक्षों में सुलह के प्रयास किया जाना चाहिए। बात अगर इस स्थिति में बेटी का क्या होगा? की करें, तो किशोर न्याय अधिनियम में इस संबंध में कानून नहीं है। बावजूद अगर मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया जाता है, तो समिति मामले को रिकॉर्ड में लिए बिना पति-पत्नी की काउंसिलिंग कर सकती है।

अगर माता-पिता साथ नहीं रहना चाहते हैं, तो बच्ची किसके साथ रहेगी, इसका निर्णय कोर्ट द्वारा किया जाएगा। अगर बच्ची मां के संरक्षण में दी जाती है और मां की स्थिति बच्ची का पालन पोषण करने की नहीं है, तो किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। इस तरह का निर्णय तत्काल नहीं लिया जा सकता।

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