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डाउनलोड करेंसतना। एमएसपी पर धान उपार्जन के लिए इंतजार में बैठे किसानों की रात तो चिंता और निराशा में कटी लेकिन रविवार की सुबह सरकार ने उनके संकट का समाधान कर दिया। प्रदेश के 16 जिलों के बाद सतना, रीवा, बालाघाट और ग्वालियर में भी धान उपार्जन की अंतिम तिथि 20 जनवरी तक बढ़ा दी गई है।
सतना जिले में एमएसपी पर धान बेचने के लिए जिले के 78 हजार 609 किसानों ने पंजीयन कराया था। इसके लिए जिले में 138 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे। अंतिम तिथि 15 जनवरी तक इनमें से सिर्फ 54,474 किसान अपनी धान बेच पाए थे, जबकि 24 हजार 135 किसानों की फसल बिक्री शेष रह गई थी। शासन ने तिथि तो बढ़ाई लेकिन 24 हजार 135 के मुकाबले सिर्फ 16 हजार 808 किसानों का उपार्जन शेष माना है और उनके लिए ही अनुमति दी है।
इन किसानों को उम्मीद थी कि सरकार उपार्जन की अंतिम तिथि बढ़ा देगी। सरकार ने शनिवार को प्रदेश के 16 जिलों की अंतिम तिथि 20 जनवरी तक बढ़ाई भी लेकिन सतना-रीवा रह गए। लिहाजा किसान चिंतित और निराश हो गए। लेकिन 16 जनवरी की दोपहर में सतना, रीवा, बालाघाट और ग्वालियर के लिए भी आदेश आ गया।
सांसद-विधायकों ने की थी सिफारिश
किसानों से संबंधित सरकारी अफसरों ने भी भरोसा दिलाया था और सांसद-विधायकों ने भी शासन से तारीख बढ़ाये जाने की मांग की थी। सांसद गणेश सिंह ने एक बयान जारी कर बताया था कि उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री से बात की है।
इसलिए थी तारीख बढ़ने की उम्मीद
गौरतलब कि इस बार सतना में धान उपार्जन के काम में शुरुआती दौर से ही दिक्कतें आई थीं। शासन ने 26 केंद्र निरस्त कर दिए थे। जब नए केंद्र बने तो पुराने केंद्रों के साथ किसान इधर-उधर हो गए। इससे खरीदी प्रभावित हुई। बाद में मौसम के मिजाज ने भी खलल डाला, शासन स्तर से तीन दिन तक बैरियर लगा रहा। जिन किसानों के मैसेज डेड हो गए थे, उन्हें सेकंड एसएमएस भेजने का सिस्टम भी उपार्जन केंद्र स्तर से आखिरी कुछ दिनों तक बंद रहा था। इन कारणों से किसानों को उम्मीद थी कि शासन द्वारा तारीख बढ़ा दी जाएगी।
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