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डाउनलोड करेंकोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी का संकट पूरे देश ने झेला और इसके अभाव में सैकड़ों मौतें भी हो गई। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। कोरोना की तीसरी लहर भले ही आ गई है लेकिन उससे लड़ाई के हर जरूरी इंतजाम के साथ सतना भी तैयार हैं। इस महामारी से मुकाबला करने के लिए यहां प्राणवायु यानी ऑक्सीजन का भी बंदोबस्त दुरुस्त है।
हालांकि दूसरी लहर में भी सतना में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हुई थी। लेकिन अब तैयारी पहले से भी ज्यादा है। अस्पताल, दवाएं,ऑक्सीजन प्लांट और ऑक्सीजन कन्संट्रेटर सब कुछ उपलब्ध है। लिहाजा लोगों को संक्रमण से बचने की जरूरत तो है लेकिन संक्रमित होने पर घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।
तीन ऑक्सीजन प्लांट का इंस्टॉलेशन
जिले में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं उनसे मरीजों को सीधे बेड तक सेंट्रल सप्लाई के जरिए ऑक्सीजन दी जा सकेगी। चौथे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में दो हजार केएल क्षमता के दो प्लांट बन कर तैयार है और वार्डों में बेड तक पाइप लाइन भी बिछ चुकी है। मैहर सिविल अस्पताल में भी एक प्लांट जनभागीदारी से बनाया गया है। उधर जिला अस्पताल में एक 6 केएल का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट और लगाने की तैयारी चल रही है।
पहले से ज्यादा तैयारी
सतना में तीन ऑक्सीजन प्लांट्स तो हैं ही 143 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर भी यहां जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी पीएचसी में उपलब्ध हैं। सेकेंड वेव के समय ये 143 कन्संट्रेटर पीएम केयर फंड से मिले थे। इन सब के अलावा सतना में ऑक्सीजन सिलेंडर की भी पर्याप्त उपलब्धता है। जिला अस्पताल के ट्रॉमा में 36 बेड ऐसे हैं जो आधुनिक हैं और इनमें सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई भी है। ये बेड हाई रिस्क के दौरान संक्रमितों को दिए जाते हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल में चार वार्ड हैं जहां ऑक्सीजन सपोर्ट बेड हैं। नर्सिंग कॉलेज में भी 50 बेड तैयार कराए गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी नर्सिंग कॉलेज के बेडों का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा रामपुर बाघेलान सीएचसी में भी ऑक्सीजन सपोर्टेड 10 बेड तैयार कराए गए हैं।
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