पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंएक माह तक चली पूजा उपासना के बाद मकर संक्रांति को भगवान रंगनाथ संग गोदाम्बा का विवाह आस्था और उल्लास के साथ हुआ। श्री रामानुज वैष्णव मंडल के सदस्यों और गोदाम्बा रंगनाथ स्वामी के भक्तों ने धूमधाम से बारात निकाली और विधान पूर्वक विवाह की रस्में पूरी की।
मंडल के मंत्री श्यामलाल गुप्ता ने बताया कि भगवान रंगनाथ की बारात शहर के वेंकटेश मंदिर प्रांगण से निकाली गई और यहीं विवाह की रस्में पूरी की गईं। पहले बारात शहर भ्रमण करती थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कार्यक्रम को सूक्ष्म रूप दिया गया।
बारात के पूर्व भगवान रंगनाथ और माता गोदाम्बा की सगाई हुई, भगवान का तिलक चढ़ाया गया। रामानुज वैष्णव मंडल के अनुयायियों के साथ आम जन ने भी बारात में नाच-गाकर भगवान मां गोदाम्बा रंगनाथ स्वामी के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा प्रकट की। मां गोदाम्बा रंगनाथ स्वामी की सजीव झांकी आकर्षण का केंद्र रहीं।
वैदिक रीति-रिवाज के साथ भगवान रंगनाथ और मां गोदाम्बा का विवाह
मंत्रोच्चार, मंगलाचरण और मंगल गीतों के साथ निकली बारात का वेंकटेश मंदिर में स्वागत किया गया। वेंकटेश मंदिर में बद्री प्रसाद गुप्ता पंडित सत्य नारायण ने वैदिक रीति-रिवाज के साथ विवाह उत्सव धूमधाम के साथ सम्पन्न कराया। शोभायात्रा में मां गोदाम्बा जी को अति सुन्दर आभूषणों से जबकि भगवान रंगनाथ को पीताम्बर लताओं से सजाया गया। भक्तों ने पुष्प वर्षा करते हुए भगवान की सुन्दर झांकी अपने हृदय में संजोया।
बारात में बैंड, ताशा, ढ़ोल, नगाड़े, डीजे की धुन पर पूरे मार्ग में गरबा रास, डांडिया चलता रहा। चल समारोह में बच्चों द्वारा प्रस्तुत मन मोहक भजनों को सभी भक्तों ने सराहा। उन्होंने बताया कि वैष्णव परिवार के सभी घरों में भगवान श्री को पाने के लिए कठोर ठंड में सुबह तीन बजे उठकर भगवान की सेवा पूजा की जाती है। इसमें नित्य नये पकवान का भोग लगता है।
महिलाएं सुन्दर वस्त्र,आभूषणों के साथ श्रृंगार कर बारात में शामिल होती हैं। व्यवस्थापक बद्री प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पृथ्वी की गोद से पैदा होने के कारण इनका नाम गोदा रखा गया। जब भगवान विष्णु ने दर्शन दिए तो इनका नाम गोदाम्बा रखा गया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.