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डाउनलोड करेंदमोह में अपने कलेजे के टुकड़े को कचरे के ढेर में फेंकने वाली उस मां को भले ही आभास न हो कि उस पर बेटी दुनिया से विदा हो चुकी है, लेकिन एक दिन बाद उस मासूम ने इस निर्दयी दुनिया से विदा ले ली। शायद उस मासूम ने मौत से पहले यही कहा होगा कि हे मां तूने मुझे छोड़ दिया तो अब मैं जीकर क्या करूंगी।
हम बात कर रहे हैं उस नवजात शिशु की जिसे, शनिवार सुबह पथरिया-पिपरिया मार्ग पर किसी ने कचरे के ढेर पर फेंक दिया था। उस गांव के सरपंच सोमेश गुप्ता को जब इसकी जानकारी हुई तो वह तत्काल ही उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। मासूम की हालत नाजुक थी। 26 घंटे तक डॉक्टर लगातार उसके बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन आखिरकार रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सोनू शर्मा का कहना है कि नवजात शिशु को ऊंचाई से फेंक गया होगा, जिस कारण उसके सिर में अंदरूनी चोट आई थी और इसी कारण उसकी मौत हुई है। उन्होंने उस शिशु को वेंटिलेटर पर रखकर उसे बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
सरपंच बोले- मैं लाया था जीवित, इसलिए मैं ही करूंगा अंतिम संस्कार
रविवार सुबह नवजात शिशु के मौत की खबर मिलते ही तिदोनी सरपंच सोमेश गुप्ता जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने नवजात शिशु के अंतिम संस्कार की इच्छा जाहिर की। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें अस्पताल पुलिस चौकी जाने को कहा।
सरपंच अस्पताल पुलिस चौकी पहुंचे और वहां पर उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि वह उस नवजात शिशु का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। पुलिस ने उनके निवेदन को स्वीकार किया और शव का पंचनामा करने के बाद नवजात शिशु का शव उन्हें सौंप दिया।
सरपंच इस दौरान भावुक दिखे। उन्होंने कहा कि शनिवार को जब वह उसे जीवित लेकर आए थे, तो उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि उसकी जान बच जाएगी, लेकिन अब उसकी मौत हो चुकी है। इसलिए वह चाहते हैं उसका अंतिम संस्कार भी वही करें। इसके बाद सरपंच गुप्ता उस शिशु के शव को लेकर मुक्तिधाम पहुंचे और विधि-विधान से उसे दफन करवा दिया।
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