पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंलंबे इंतजार के बाद आखिरकार जिला अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक आ गया। दो दिन पहले उसे फाउंडेशन पर शिफ्ट कराया गया। हालांकि अभी प्लांट का एक पार्ट आना बाकी है। जो से दो से तीन दिन में आ जाएगा। जिसके बाद प्लांट की टेस्टिंग होगी और ऑक्सीजन की जांच के बाद मरीजों के उपयोग में ली जाएगी। इसके अलावा 40 से 50 आॅक्सीजन जंबो सिलेंडर भरे जाएंगे। टैंक की क्षमता 9 लाख लीटर बताई जा रही है।
अब सीटी स्कैन मशीन की कमी, दवाओं का स्टॉक पहले ही कर लिया
यहां पर बता दें कि दमोह में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। 16 दिन में 405 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। हर दिन मामले आने से नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता मरीजों के लिए दवा और ऑक्सीजन का इंतजाम करने को लेकर बढ़ गई है। हालांकि पहले ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गया और दवाओं का स्टाक भी कर लिया गया, लेकिन सीटी स्कैन मशीन और ऑक्सीजन स्टोर करने के लिए टैंक स्थापित नहीं किया गया था। पिछले साल ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए जिला अस्पताल ने अपना खुद का ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिया था। पिछले दो माह से प्लांट से आॅक्सीजन की सप्लाई ली जा रही थी, लेकिन लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक न आने से परेशानी जा रही थी। जरूरत पड़ने पर जबलपुर या फिर दूसरे स्थानों से ऑक्सीजन बुलाई जा रही थी। लेकिन अब टैंक स्थापित होने से जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन स्टोर करके रखने का इंतजाम हो गया है।
प्लांट से 50 सिलेंडर रोज भरे जा सकेंगे
जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि लिक्विड ऑक्सीजन स्टोर करने के लिए टैंक आ गया है। अभी उसे इंस्टाल किया जाना है। जिसके बाद उसमें ऑक्सीजन का स्टॉक करके रखा जाएगा और उससे फिलहाल केवल 50 सिलेंडरों को रोजाना भरा जा सकेगा। आपातकाल की स्थिति में दूसरे प्लांट पर आश्रित नहीं रहना होगा। जल्द ही लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू हो जाएगा। इसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। ऐसा होने से जिला अस्पताल में अब दो ऑक्सीजन प्लांट चालू हो जाएंगे। इसके बाद मरीजों के इलाज के लिए बाहर से ऑक्सीजन मंगवाने की जरूरत नहीं होगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.