पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंमध्यप्रदेश के पन्ना जिले में डायमंड के साथ-साथ वन्य संपदा भी अटूट मात्रा में उपलब्ध है। यही वजह है कि 17 मई को डायमंड की नगरी पन्ना में दो करोड़ रुपए की सागौन की बेशकीमती लकड़ी की नीलामी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मध्य प्रदेश के कई जिलों से व्यापारी शामिल होने पन्ना पहुंचे हैं।
पन्ना की बन रही अलग पहचान
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार है। यहां पर वन संपदा अटूट मात्रा में उपलब्ध है। सदियों से पन्ना जिले को हीरो के लिए जाना जाता था लेकिन बीते एक वर्ष से रुंझ डैम परियोजना में उत्तर वन मंडल की जमीन अधिग्रहीत हुई। जहां से हजारों की संख्या में सागौन के पेड़ों कटाई हुई। जहां से कटने वाली सागौन की लकड़ी की नीलामी बीते एक वर्ष से हर दो माह के अंतराल में आयोजित की जाती है। जिसमें करोड़ों रुपए का राजस्व वन विभाग से सरकार को मिल रहा है।
MP के कई शहरों से पहुंचे व्यापारी
यही वजह है कि अब पन्ना जिला हीरा के साथ-साथ सागौन की लकड़ी के लिए भी मशहूर हो रहा है। 17 मई को पन्ना के दक्षिण वन मंडल के काष्टागार डिपो में सागौन सहित सतकठा की लकड़ी की नीलामी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 481.657 घनमीटर सागौन की बेशकीमती लकड़ी रखी गई है। जिसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी जा रही है। वही 827.725 घनमीटर सतकठा की लकड़ी रखी गई है। जिसकी अनुमानित कीमत 15 से 20 लाख रुपए बताई जा रही है। इस नीलामी में भाग लेने के लिए मध्यप्रदेश के सागर, भोपाल, जबलपुर, छतरपुर, सतना, रीवा एवं पन्ना के लकड़ी व्यापारी शामिल होने के लिए पन्ना पहुंचे हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.