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डाउनलोड करेंपन्ना जिले में इन दिनों आसमान से बरसती तपन और भीषण जल संकट से जनता जूझ रही है। जिले के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य गांव कूड़न गहदरा के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। दरअसल, इलाके का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। जिससे हैंडपंप से ग्रामीणों को पानी मिल रहा है। ग्रामीण पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर दो किलोमीटर दूर बने झरने से पानी लाने के लिए मजबूर है।
जल स्तर गिरा, अब पानी की जगह हवा फेंक रहे हैंडपंप
पन्ना जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की वजह से हाल बेहाल है। कुछ इसी प्रकार का हाल पन्ना जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसे आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत कूड़न गहदरा का है। जहां के ग्रामीण इस भीषण गर्मी में एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव के हैंडपंपों से पानी की जगह हवा निकल रही हैं क्योंकि गांव में जलस्तर काफी नीचे चला गया है।ग्रामीणों ने बताया कि गांव वालों को प्यास बुझाने के लिए अब 2 किलोमीटर दूर पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर बने झरने एवं कुएं से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वह भी चोरी-छिपे। इसकी वजह यह है कि पीटीआर के अंदर गांव वालों का जाना प्रतिबंध है।
विभाग ने जंगल में जाने पर लगा रखा प्रतिबंध
विभाग ने जंगली जानवरों के खतरे की वजह से लोगों का यहां आना जाना प्रतिबंधित कर रखा है। हालांकि, ग्रामीण जान के खतरे में डालकर पानी लाने के लिए मजबूर हैं। कूड़न गहदरा ग्राम पंचायत में आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं। गांव के चारों तरफ से पन्ना टाइगर रिजर्व के घने जंगल लगे हुए हैं। अगर गांव में बने कुएं एवं तालाबों की बात की जाए तो सभी सूखे चुके हैं। स्कूल के समीप एक बोरवेल भी है परंतु गांव में बिजली न होने के कारण वह भी बेकार पड़ा हुआ है।
जल्द ग्रामीणों को उपलब्ध कराएंगे पानी
पीएचई विभाग के अधिकारी महेंद्र सिंह का कहना है कि गांव में 8 हैंडपंप है। 6 में पानी नहीं है। दो में पानी है। एक को रिपेयर कराया जा रहा है। जल्द ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करवाई जा रही है।
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