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9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन:वैदिक मंत्रों के साथ देवी-देवताओं का किया आह्वान, कलश यात्रा में विदेशी पर्यटक हुए शामिल

निवाड़ी4 महीने पहले
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श्री रामराजा सरकार की नगरी में अखिल विश्व गायत्री परिवार ने मां गायत्री, शिव परिवार की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की। इस अवसर पर अंजनी माता मंदिर परिसर में चार दिवसीय समारोह शुरू हुआ है। इसके दूसरे दिन 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हवन में आहुतियां देकर पुण्य कमाया। वहीं शाम को भक्ति संगीत प्रवचन का आयोजन किया। इस दौरान निकाली कलश यात्रा में विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए।

समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह शुरू हुए 9 कुण्डीय गायत्री महा यज्ञ में शांतिकुंज हरिद्वार से आए प्रतिनिधियों ने वेद मंत्रों के साथ हवन में आहुतियां दिलाईं। इसमें सैकड़ों महिला, पुरुषों ने पूर्ण श्रद्धा भाव से आहुतियां दीं। कार्यक्रम के दौरान एक दर्जन लोगों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा ली। शांतिकुंज प्रतिनिधि टोलीनायक पं. कमलापति शर्मा ने बताया कि परिवारों में संस्कार परंपरा, युग निर्माण ने आत्म कल्याण, जन मानस में फैली अनास्था की कमी से जन मानस भटकता रहता है। गलत कार्यों के लिए प्रेरित करता है।

शांतिकुंज हरिद्वार का उद्देश्य मानव में देवत्त का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण का संकल्प और प्रयास करना है। इस दौरान गर्भ अवस्था से ही पुंसवन संस्कार के साथ-साथ नामकरण, जन्म दिवस, विद्यारंभ, यज्ञोपवतीय, विवाह दिवस संस्कारों के बारे में बताया।

शांतिकुंज प्रतिनिधि शर्मा ने बताया कि आज परिवारों की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इसका कारण परिवार व्यवस्था के सूत्र जो हमारे ऋषियों ने बनाऐ थे उनका पालन नहीं करना है। बच्चों को संस्कारवान, चरित्रवान बनाने में सबसे अधिक योगदान माता का होता है। शाम के समय शांतिकुंज टोली ने युग संगीत के ओजस्वी गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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