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  • Bhopal Breaking Students In MP Will Be Able To View It On The Education Portal From September 4; After The Order Of The Supreme Court, The School Education Department Issued Instructions

कितनी स्कूल फीस वसूली.. सबको दिखेगी!:हर क्लास का फीस स्ट्रक्चर सरकारी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड करेंगे प्राइवेट स्कूल; 4 सितंबर को सार्वजनिक होगी सूची

भोपाल2 वर्ष पहले
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मध्यप्रदेश में अब ट्यूशन फीस के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चल सकेगी। स्कूल संचालकों को बताना होगा कि कोरोना काल के दौरान वह पहली से लेकर 12वीं तक के छात्रों से कितनी और किस मद में ले रहे हैं। स्कूल खेलकूद, वार्षिक कार्यक्रम, लाइब्रेरी और सांस्कृतिक एक्टिविटी समेत अन्य तरह की फीस भी अभिभावकों से लेते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने गुरुवार देर शाम इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग को दो सप्ताह के अंदर यह जानकारी स्कूलों से लेकर सार्वजनिक करना है। इस कारण विभाग ने स्कूलों को यह जानकारी देने के लिए 8 दिन का समय दिया है। निजी स्कूल संचालकों को 3 सितंबर तक हर हाल में फीस की पूरी जानकारी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड करना है। 4 सितंबर के बाद यहां इसे देखा जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
शासन को यह जानकारी लेकर दो सप्ताह के अंदर ऑनलाइन करना होगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के फैसले को लेकर किया है। जागृत पालक संघ मध्यप्रदेश ने इस संबंध में याचिका दायर की थी। सबसे बड़ी बात कि यह डबल बेंच का फाइनल आदेश है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सीधे सरकार को दिए हैं।

इस तरह समझें आदेश का महत्व
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, स्कूलों को बताना होगा कि पालकों से जो फीस ले रहे हैं, वह किस किस मद में ले रहे हैं। उसके अलग-अलग हेड बताना होंगे। यह जानकारी स्कूलों से जिला शिक्षा समिति को लेना होगी। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग मप्र शासन को इस जानकारी को दो सप्ताह में वेबसाइट पर अपलोड करेगा। संघ के वकील अभिनव मल्होत्रा, मयंक क्षीरसागर और चंचल गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी।

छात्र जिला समिति में सीधे शिकायत कर सकते हैं फीस की जानकारी एजुकेशन पोर्टल educationportal.mp.gov.in पर अपडेट होगी। यहां इसे आम लोग देख सकेंगे। कोर्ट ने पालकों को राहत देते हुए कहा कि किसी भी अभिभावक को स्कूल से कोई शिकायत है, तो वह जिला समिति के सामने अपनी बात रखेगा। समिति को 4 सप्ताह (28 दिन) में इसका निराकरण करना होगा।

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