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डाउनलोड करेंग्राम पंचायत बरबसपुर के ग्राम देवरीदादर में संचालित काष्ठागार बंद करने के निर्णय से लोगों में रोष है। इसको लेकर शुक्रवार को मजदूरों ने रैली निकाली। उन्होंने जनपद अध्यक्ष संतोष सोनू भल्लावी के साथ जाकर डिवीजनल मैनेजर को ज्ञापन सौंपा है। लोगों ने मप्र राज्य वन विकास निगम के मोहगांव प्रोजेक्ट पर रोष जताया। लोगों का कहना है कि काष्ठागार के बंद होने से रोजी-रोटी का संकट होने लगेगा।
उनका कहना है कि कोरोना काल के बाद हम मजदूरों को इसी काष्ठागार में 5 हजार घनमीटर माल का भुगतान किया गया है। विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा देवरीदादर काष्ठागार में लकड़ियों का कम परिवहन एवं कम अवाक-विक्रय बताई गई है, जो गलत है। इसी आधार पर लकड़ी परिवहन का ठेका सिर्फ पांडीवारा काष्ठागार के लिए किया गया है।
नए परिवहन टेंडर जारी करने की मांग
लोगों का कहना है कि हमारा जीवकोपार्जन देवरीदादर काष्ठागार में लकड़ी के फैलाव, तुलाई, ढुलाई आदि से चलता है। इस काष्ठागार में लकड़ी ही नहीं आएगी तो हम मजदूरों के लिए कोई काम ही नहीं बचेगा। हम सभी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने पांडीवारा काष्ठागार के परिवहन ठेके को निरस्त कर नए सिरे से देवरी दादर काष्ठागार के लिए परिवहन का टेंडर किये जाने की मांग की है।
जनपद अध्यक्ष ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
जनपद अध्यक्ष संतोष सोनू भल्लावी ने कहा कि एक तरफ सरकार गरीब, आदिवासी, बैगाओं के हित में निर्णय लेनी की बात कहती है। ये सभी गरीब, आदिवासी, बैगा हैं इसलिए मेरा अनुरोध है कि प्रशासन ऐसा कोई भी कदम न उठाए। ये 400 से 500 गरीब परिवार हैं, इनकी रोजी रोटी बनाए रखें, ये कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल जब कोरोना काल मे मंदी का दौर था, मजदूर नहीं निकल रहे थे, तब 5 हजार घन मीटर माल निकला है। आज मंदी का दौर कैसे हो गया। हम निवेदन कर रहे हैं यदि हमारी बात नहीं मानी जाती तो हम उग्र आंदोलन भी करेंगे।
सहानभूतिपूर्ण निर्णय का आश्वासन
मोहगांव प्रोजेक्ट के डीएम अनिल चोपड़ा का कहना है कि विभाग में अधिक प्रशासनिक खर्च और स्टाफ की कमी के कारण विभाग द्वारा देवरीदादर डिपो को बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की रोजगार मूलक समस्याओं पर सहानभूतिपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
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