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डाउनलोड करेंजिले में लगातार दो तेंदुए को शिकारियों के बिछाए जाल में फंसकर जान गंवानी पड़ी। पहले सिहाेरा में जहर देकर तेंदुए की जान ली गई और अब टेमरभीटा में तेंदुए को फंदे में फंसा कर मार डाला गया। तेंदुए का रविवार को स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ केंद्र में पीएम हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि चोट के चलते तेंदुए की मौत हो गई। उधर, वन विभाग ने मामले में तीन शिकारियों को दबोच कर कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।
वन विभाग के मुताबिक सैनिक विहार परिसर सेंट थाॅमस स्कूल के समीप फेंसिंग में फंसकर शनिवार को नर तेंदुए की मौत हो गई थी। पांच वर्ष की उम्र वाले इस तेंदुए के शव का स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर केंद्र पीएम हुआ। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एसपी तिवारी के निर्देशन में स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ की संचालक डॉ. शोभा जावरे और वन मंडल अधिकारी अंजना सुचिता तिर्की की मौजूदगी में तेंदुए का शव परीक्षण डॉ. सोमेश सिंह, डॉ. देवेंद्र पोधाडे व टीम के अन्य सदस्यों द्वारा किया गया।
अधिक रक्तस्राव के कारण ट्रॉमैटिक शॉक से हुई तेंदुए की मौत
शव परीक्षण में पाया गया कि तेंदुए के अगले पैर के नाखूनों टूटे हुए हैं। दो कैनाईन (दांत) ऊपर की ओर टूटे पाए गए। शरीर के अन्य हिस्सों कमर, जांघ, पूंछ के आसपास रक्त स्त्राव और मांसपेशियों में गहरे चोट मिले। शरीर के आंतरिक हिस्से में भी डीमेरेज पाया गया। प्राथमिक तौर पर तेंदुए की मृत्यु चोट लगने और अधिक रक्त स्त्राव के कारण ट्रॉमैटिक शॉक होने से होना पाया गया। पीएम के बाद शव को जला दिया गया।
तीन आरोपी गिरफ्तार
तेंदुए के शव मिलने के बाद ट्रैकर डॉग की मदद से दबोचे गए टेमर निवासी मुन्ना बैगा से पूछताछ के आधार पर वन विभाग की टीम ने उसके दो अन्य साथी प्रमोद बैगा व छोटू ठाकुर को दबोच लिया। तीनों ने बताया कि वे निजी स्कूल की दीवाल पर फंदा लगाए थे।
हालांकि वे जंगली सूअर, चीतल व खरगोश का शिकार करना चाहते थे। तेंदुआ फंस जाएगा, इसका अनुमान नहीं था। तीनों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।
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