पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंनर्सरी लगाकर भी अच्छी कमाई की जा सकती है। एक एकड़ में नर्सरी लगाकर साल में चार से पांच लाख रुपए तक कमाई हो जाती है। जबलपुर के गढ़ा का कोष्टा परिवार तीन पीढ़ियों से नर्सरी का काम कर रहा है। इनकी नर्सरी में 80 से अधिक तरह के फूल, फल और बोनसाई पौधे हैं। हर साल 20 से 25 लाख के फूल, फल और पौधे बेच लेते हैं। नर्सरी में 5 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक के पौधे हैं। भास्कर खेती-किसानी सीरीज-42 में आइए जानते हैं एक्सपर्ट विजय पाल कोष्टा (विजय नर्सरी के संचालक, तिलवाराघाट रोड) से…
विजय ने बताया कि पिता स्व. महेश प्रसाद टीचर थे। वे छत पर नर्सरी लगाकर महीने में 8 से 10 हजार रुपए के पौधे बेच लेते थे। उनके साथ ही मैं भी नर्सरी के काम में रम गया। 20 साल से तिलवारा रोड पर एक एकड़ में नर्सरी लगा रहा हूं। अब तो बेटा अजय भी हाथ बंटाने लगा है। नर्सरी में 25 से अधिक फूल की, 20 से अधिक फल की किस्म और 25 से अधिक सजावटी वाले पौधे और बोनसाई हैं। हमारी नर्सरी से शहर के छोटे नर्सरी वाले पौधे ले जाकर वहां बेचते हैं। कोई बेरोजगार युवा चाहें तो 7 से 8 हजार रुपए लगाकर नर्सरी से पौधे ले जाकर शहर में बेच सकता है। इससे वह 40% तक बचत कर सकता है।
10 हाईवा कापू मिट्टी और 6 हाईवा गोबर की सड़ी खाद चाहिए
नर्सरी में हर साल 10 हाईवा के लगभग कापू मिट्टी चाहिए। साथ में 6 हाईवा गोबर की सड़ी खाद चाहिए। नर्सरी के लिए 10:6 के अनुपात में मिट्टी और गोबर की सड़ी खाद को मिलाकर मिक्स कराते हैं। इसके बाद इसमें एनपीके, बोन डस्ट आदि मिलाते हैं। इसमें पानी का फुहारा देकर तीन दिन तक इसे भुरभुरी बनाते हैं। इसके बाद पॉलीथिन या गमले में मिट्टी भरकर कुछ बीज से फूल उगाते हैं तो कुछ कलम से भी तैयार करते हैं।
12 से 15 लाख के आंध्र प्रदेश से मंगाते हैं पौधे
नर्सरी के लिए आंध्रप्रदेश से भी हर साल 12 से 15 लाख रुपए के पौधे मंगाते हैं। तीन से चार ट्रक पौधे आते हैं। एक ट्रक पौधे की कीमत ढाई से 3.50 लाख रुपए पड़ती है। गुलाब और फल सहित सजावटी पौधे अधिक होते हैं। हम 10 से 15 पौधे भी ऑर्डर मिलने पर बस आदि से भिजवाने की व्यवस्था करते हैं। छोटी गाड़ी से लेकर बड़ी गाड़ी का भी इंतजाम कर पूरे प्रदेश में कहीं भी भेज देते हैं। प्रदेश के कई जिलों से ऑर्डर मिलते हैं। इंडिया मार्ट से भी ऑर्डर पर पौधे पहुंचाते हैं।
नर्सरी में इस तरह के पौधे
चेरी, बोनसाई, सेवंती, डहेलिया, गुलाब, जरबेरा, गेंदा, प्लांचू, पिंटुनिया, पेंजी, डायनथस, वर्विमा, जासवन, इम्पोसियस, साल्विया, क्रिसमस-टी, जेट्रोफा, सल्विया, विनका, गंधराज सहित कई तरह के फूल उपलब्ध है। ये 15 रुपए वर्गफीट की दर से लान या गार्डन भी तैयार करते हैं। इसमें पौधे, ग्रास, खाद, मिट्टी और लेबर उनका रहता है। 200 वर्गफीट का लॉन तैयार कराने में तीन से चार हजार रुपए लेते हैं।
चार गाय, भैंस भी पाल ली
नर्सरी में गोबर की खाद की जरूरत अधिक पड़ती है। इस कारण चार गाय और दो भैंस भी पाल ली है। इससे दूध के साथ गोबर का भी इंतजाम हो जा रहा है। हालांकि कुछ गोबर की खाद बाहर से भी लानी पड़ती है। 15 महिला मजदूर भी लगा रखे हैं। ये पौधों की देखभाल करने से लेकर मिट्टी तैयार करने और पॉलीथिन बैग और गमले में भरने का काम करती हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.