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डाउनलोड करेंप्रदेश भर में 100% क्षमता के साथ सभी प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल खुल गए। स्कूल पहुंचे बच्चे अपने दोस्तों के बीच खुश दिखे। ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई में उन्हें किस में ज्यादा मजा आता है, इस सवाल पर बच्चों के मासूम जवाब मिले। बच्चों का कहना है कि कभी लाइट चली जाती है तो कभी मम्मी काम में लगा देती है, इसीलिए ऑफलाइन पढ़ाई ही अच्छी है। पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को भी वह सीधे टीचर के सामने हल कर सकेंगे।
भास्कर संवाददाता बाल विनय मंदिर रेस कोर्स रोड पहुंचे तो बच्चों का कहना था कि ऑनलाइन क्लासेस से अच्छी ऑफलाइन क्लासेस है। ऑनलाइन क्लासेस में कई दिक्कतें आती थी। मैथ और साइंस के फॉमूले समझ नहीं आते थे।
अब पढ़ाई करेंगे
एक बच्चे ने बात करते हुए बताया कि दो साल से स्कूल नहीं खुलने से वह बोर हो गया था। मम्मी काम पर लगा देती थी। अब स्कूल आकर काफी खुश हूं। बच्चे ने बताया कि पुराने दोस्त का साथ भी अच्छा लगा रहा है। 29 नवबंर से 10th की अद्धवार्षिक परीक्षा है। बच्चे तैयारी में जूट गए हैं।
1 से 5 तक के बच्चों को लेकर असमंजस
कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को लेकर असमंजस बना हुआ है। परिवार अभी भी पूरी तरह से छोटे बच्चों को स्कूल आने के लिए परमिशन नहीं दे रहे। कुछ ही स्कूलों में छोटे बच्चे आ रहे हैं। सरकारी द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में भी परिवार से राय लेकर ही बच्चों को स्कूल बुलाने की बात कही गई है। इसे लेकर स्कूल प्रशासन भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है।
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