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डाउनलोड करेंइंदौर में एक ही कॉलोनी में आमने-सामने रहने वाले परिवारों में 24 घंटे में हुई दो मौतों से हर कोई हैरान है। चौंकाने वाली बात यह कि दोनों ने कुछ समय पहले ही अपना फुल बॉडी चेकअप कराया था, जिसमें सारी रिपोर्ट नॉर्मल आई थीं। दोनों ही मामलों में कार्डियक अरेस्ट से मौत होना सामने आया है।
इससे पहले 5 जनवरी को इंदौर के होटल कारोबारी की जिम में और 26 जनवरी को 11वीं में पढ़ने वाली स्टूडेंट की भास्कर ने परिवार से जब बात की तो बेहद मार्मिक कहानी सामने आई....
आठ महीने पहले हुई थी शादी
पुनीत करकरे (33) पीथमपुर की एक कंपनी में क्वालिटी मैनेजर थे। सिल्वर ऑक्स कॉलोनी में घर के सामने रहने वाले जैन परिवार से उनके परिवार का काफी मेल-जोल है। जैन परिवार के अजीत जैन (55) वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल डिपार्टमेंट में HOD थे। 17 जनवरी की सुबह करीब 6.30 बजे वे उठे और पानी पिया। तबीयत बिगड़ी तो वापस जाकर बेड पर लेट गए। मां ने देखा कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। इस पर परिजन उन्हें यूनिक हॉस्पिटल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से दुखी पुनीत भी उसी शाम बहन दीप्ति के साथ जैन परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। यहां से वापस लौटने के बाद रात को घर आकर भोजन किया और परिवार के सभी लोगों को गुड नाइट कहकर सो गए। सुबह जब पत्नी जगाने गई तो पता चला कि नींद में ही उनकी मौत हो चुकी थी। उनकी मौत की वजह भी कार्डियक अरेस्ट को बताया गया। पुनीत की शादी आठ माह पहले ही हुई थी।
खिचड़ी खाई और दूध पीकर सो गए
जैन परिवार से मेल-जोल के चलते पुनीत काफी देर तक वहां बैठे रहे। उनकी काफी बातें भी हुईं, जिसमें पता चला कि स्व. जैन को किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी और कुछ दिन पहले ही उन्होंने सारी जांच कराई थी तो सब कुछ सामान्य निकला था। पुनीत और बहन दीप्ति कुछ देर बाद घर लौटे। चूंकि पड़ोसी की मौत होने से मन खराब था तो उन्होंने रात को सिर्फ खिचड़ी खाई और दूध पिया था। फिर पिता और मां संगीता, पत्नी राजोल से रोज की तरह सामान्य बात की। सभी को गुड नाइट करके अपने बेड रूम में सोने चले गए।
दो घंटे पहले हो चुकी थी मौत
पत्नी राजोल के मुताबिक रोज सुबह पीथमपुर नौकरी पर जाने के लिए पुनीत सुबह करीब 7 बजे उठ जाते थे, लेकिन 18 जनवरी को सुबह नहीं उठे। इस पर वह उन्हें जगाने पहुंची तो उनकी बॉडी में कोई रिएक्शन नहीं हुआ। इस बीच परिवार के अन्य लोग भी उन्हें जगाने पहुंचे, लेकिन कोई मूवमेंट नहीं हुआ। इस पर उन्हें भी यूनिक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट से दो घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी है।
मेडिकल रिपोर्ट में पूरी तरह फिट थे
पुनीत परिवार में सबसे बड़े थे, उनकी एक बहन दीप्ति व एक छोटा भाई भी है। परिवार की जिम्मेदारी उन पर ही थी। उन्हें किसी प्रकार की लत नहीं थी। बहन दीप्ति ने बताया कि आठ माह पहले ही उनकी शादी हुई थी। करीब दो माह पहले कंपनी ने सभी का फुल बॉडी चैकअप कराया था, जिसमें पुनीत की सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल आई थी। उन्हें कभी ब्लड प्रेशर, शुगर या अन्य तरह की बीमारी नहीं थी। अचानक हुई मौत से पूरा परिवार सदमे में है। पुनीत को परिवार से बहुत लगाव था इसके चलते उन्होंने माता-पिता को वीआरएस दिलवाया था और परिवार को वे खुद ही संभालते थे। उनकी माताजी खादी ग्रामोद्योग विभाग के मृगनयनी एम्पोरियम में और पिता प्राइवेट जॉब करते थे।
सर्दी तो पहले भी कड़ाके की होती थी
भास्कर से चर्चा में पुनीत के माता-पिता ने बताया कि पता नहीं अचानक यह क्या हो रहा है। आए दिन कार्डियक अरेस्ट से स्वस्थ युवकों की मौत हो रही है। हमारा बेटा भी पूरी तरह स्वस्थ था। बहुत ज्यादा सर्दी के कारण हृदय की धमनियों के सिकुड़ने या अन्य कारण को लेकर वे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि पहले भी काफी कड़ाके की सर्दी पड़ती थी। अब बुजुर्गों से ज्यादा युवा इम्यूनिटी को लेकर मजबूत हैं, लेकिन ऐसे हादसों ने सोचने पर मजबूर कर दिया। परिजन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में पुनीत चपेट में आए थे, लेकिन तुरंत ठीक भी हो गए थे।
कॉलोनी में सीपीआर का हुआ सेशन
इन दोनों घटनाओं के बाद कॉलोनी में हाल ही में ऐसी घटनाओं को रोकने और सतर्कता बरतने के मद्देनजर सीपीआर सिखाने का एक सेशन हुआ। जिसमें रहवासियों ने सीपीआर देना सीखा। अजीत जैन के परिजन का सुझाव है कि हमारे परिवारों में जो हादसे होने थे हो चुके लेकिन लोगों से अपील है कि वे समय-समय पर अपना टीएमटी व ईको जरूर कराएं। क्योंकि इन दोनों से ब्लॉकेज की स्थिति पता चल जाती है और ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है।
इधर, शिवपुरी में CRPF सूबेदार को आया हार्ट अटैक
शिवपुरी के सूबेदार अशोक कुमार चौरसिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अशोक महाराष्ट्र के पुणे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स में पदस्थ थे। वे CRPF बटालियन 242 में सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए ड्यूटी पर जा रहे थे। रास्ते में सीने में तेज दर्द हुआ, तत्काल कार्यालय को खबर भेजी गई। वहां से सैनिक अस्पताल भर्ती कराया गया, फिर किसी बड़े अस्पताल रेफर कर दिया। रास्ते में ही अटैक आने से उनकी मौत हो गई। परिजनों को पुणे में अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सूबेदार अशोक चौरसिया के बॉडी को फ्लाइट से मुंबई से ग्वालियर और ग्वालियर से आज ग्राम पंचायत मनपुरा लाया जाएगा। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। पूरी खबर यहां पढ़ें-
जानिए क्या कहते हैं हार्ट एक्सपर्ट्स
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉ. एडी भटनागर व कोकिला बेन हॉस्पिटल के डॉ. मनोज बंसल के मुताबिक कड़ाके की सर्दी में कार्डियक अरेस्ट का खतरा 31% तक बढ़ जाता है। ऐसे में बुजुर्गों को तो ये खतरा रहता ही है लेकिन अब इम्यूनिटी कम होने से युवा भी इसका तेजी से शिकार हो रहे हैं। दरअसल शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। ठंड में हार्ट की धमनियां 50% संकरी हो जाती है इससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी में लोग पानी भी कम पीते हैं तो डिहाइड्रेशन से भी खून का थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है।
हाल ही में 60 घंटों में 11 लोगों की हुई थी मौत
इंदौर में हाल ही में 60 घंटों के दौरान 11 लोगों की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। इनमें से तीन युवा थे। इनमें से एक युवा को सुबह सीने में जब घबराहट हुई और वो दिखाने पास के अस्पताल गया तो वहीं उसकी मौत हो गई। दूसरे युवा की तड़के नींद में ही कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। एक अन्य की टीवी देखने के दौरान मौत हो गई थी जबकि उन्हें दो दिन पहले से सीने में दर्द था। ऐसे ही अन्य बुजुर्गों की भी मौत हुई थी।
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इंदौर में 11वीं की छात्रा की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद परिजन ने उसकी आंखें डोनेट की हैं। वह फिजिकल एजुकेशन की छात्रा थी। दोपहर को अपनी सहपाठियों के साथ क्लास से निकल रही थी, तभी वह गश खाकर गिर गई। उसे अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्कूल के CCTV फुटेज से पता चला कि छात्रा वृंदा त्रिपाठी ने कड़ाके की सर्दी में भी हल्का और पतला ट्रैक सूट ही पहना था। क्लास से निकलने के बाद वह 25 मीटर भी नहीं चल सकी। यह घटनाक्रम बुधवार दोपहर करीब 12 बजे का है, जब इंदौर में ठंड चरम पर थी। यहां पढ़ें पूरी खबर...
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इंदौर में बीते 60 घंटों में कार्डियक अरेस्ट से 11 लोगों की मौत हो गई, जो काफी चिंता का विषय है। चौंकाने वाली बात यह कि इनमें 23 वर्षीय व 32 वर्षीय युवा भी हैं जिन्हें न कोई बीमारी थी और न ही कोई व्यसन। इनमें से किसी को सुबह सीने में दर्द हुआ, तो किसी को गैस्ट्रिक पैन का एहसास हुआ, तो एक की आधी रात को नींद में ही में मौत हो गई। यहां पढ़ें पूरी खबर...
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