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डाउनलोड करेंइंदौर का एक भी वार्ड ऐसा नहीं हैं, जहां कोरोना के मरीज न हों। प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमित इंदौर से ही हैं। शहर में संक्रमण दर की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले हफ्ते शहर के 76 वार्डों में संक्रमण फैला था। अब सभी 85 वार्डों में फैल चुका है। 35 लाख की अनुमानित जनसंख्या में भले ही 5% लोग संक्रमित हों, लेकिन मरीजों से एक भी वार्ड अछूता नहीं है। संक्रमितों में पुरुष 57.70%, महिलाएं 42.29% व बच्चे (1 से 18 वर्ष) 5.90% है। पढ़िए- पूरी रिपोर्ट...
15 जनवरी को मिले सबसे ज्यादा पॉजिटिव
1 जनवरी से 15 जनवरी तक मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इस दौरान कल यानी शनिवार को इंदौर में एक दिन में रिकॉर्ड 1852 नए केस मिले। इससे पहले एक दिन में सबसे ज्यादा 1841 मरीज दूसरी लहर में 25 अप्रैल 2020 को आए थे। कलेक्टर मनीष सिंह भी 13 तक पीक आने की आशंका जाहिर कर चुके हैं।
इन वार्डों में सबसे ज्यादा संक्रमित
जिन वार्डों में ज्यादा संक्रमित मिले हैं, उनमें वार्ड 29 (डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी में स्कीम 54, स्कीम 74, आदर्श मैकेनिक नगर, मैकेनिक नगर एक्सटेंशन, पीयू-3, विजय नगर, भमोरी, सुखलिया, HIG क्वार्टर, नक्षत्र गार्डन तिराहा, बसंत विहार आदि क्षेत्र हैं।
क्यों मिल रहे ज्यादा संक्रमित?
कम संक्रमित मरीजों वाले वार्ड में ये शामिल
वार्ड 38 (हाजी कॉलोनी), वार्ड 11 भागीरथपुरा, वार्ड 28 (मां तुलजा भवानी), वार्ड 2 (चंदन नगर) और वार्ड 5 (राज नगर) में कम मरीज मिले हैं। इनमें राजीव नगर, ममता कॉलोनी, लक्ष्मी बाग, बंगाली कॉलोनी, सुपर पैलेस, भागीरथपुरा, लक्ष्मी बाई नगर, मोहता नगर, यादव कॉलोनी, संजय गांधी नगर, शिव शक्ति नगर, मेघदूत नगर, न्यू अंजनी नगर, फॉरच्यून लैंड मार्क, चंदन नगर, गीता नगर, रानी पैलेस, राम नगर, जय भवानी नगर, रामानंद नगर, गंगा कॉलोनी आदि शामिल हैं।
कम संक्रमित वार्ड का ट्रेंड
सबसे ज्यादा संक्रमित बच्चों वाले वार्ड
वार्ड 36 (लसूड़िया मोरी), वार्ड 76 (मुंडला रायता), वार्ड 43 (श्रीनगर), वार्ड 47 (सरदार वल्लभ भाई) व वार्ड 42 (स्वामी विवेकानंद) आदि में से 76, 43 और 36 तो वे हैं जहां सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। ऐसे में इन परिवारों के बच्चे (1 वर्ष से 18 वर्ष तक) भी चपेट में आए हैं। अन्य दो वार्ड 47 और 42 में चंद्रलोक कॉलोनी, पालीवाल नगर, रविन्द्र नगर, कनाडिया मेन रोड, सिल्वर एवेन्यू सहित आसपास के क्षेत्र हैं। इसमें सीधे तौर पर कारण स्पष्ट नहीं है।
CMHO डॉ. बीएस सैत्या के मुताबिक एक वार्ड काफी बड़ा होता है। सैकड़ों कॉलोनियां, मोहल्ले, टॉउनशिप आती हैं, इसलिए सभी में एक-दो मरीज से लेकर ज्यादा तक आना संभव है। SDM की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार RRT उनमें से फिर उन कॉलोनियों, मोहल्लों में जाती है, जहां संक्रमित मिले हैं। ऐसे में क्षेत्र के हिसाब से ही आकलन किया जा सकता है।
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