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डाउनलोड करेंव्यापमं घोटाले के एक आरोपी ने इंदौर की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। 38 साल का सेतुराज पुत्र शैलेंद्र कुमार सिंह मिनाल रेसीडेंसी (भोपाल) में रहता है। परिवार मूलत: बिहार के बेगूसराय जिले का रहने वाला है।
सेतुराज करुणा मेटरनिटी एवं नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर हेमंतकुमार कंसल के बेटे ईशान के संपर्क में तब आया, जब वह भोपाल में रहने वाले अपने नाना के यहां से PMT की तैयारी कर रहा था। सेतुराज, उसके साथी उमेशकुमार श्रीवास्तव निवासी कोरिया (छत्तीसगढ़), प्रवीणकुमार राठौर निवासी फर्रुखाबाद (उप्र) व सौरभकुमार रक्षित निवासी पटना ने इंदौर आकर ईशान के पिता से साल 2011 में आयोजित होने वाली PMT में ईशान का मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन करने का झांसा देकर करीब 13 लाख रुपए ठग लिए।
इसके बाद भी ईशान का सिलेक्शन नहीं हुआ तो डॉक्टर ने उनसे संपर्क किया। इस पर चारों ने उसे धमकाया और पैसा लौटाने से इनकार कर दिया। डॉक्टर ने चारों के खिलाफ संयोगितागंज थाने में धोखाधड़ी व दस्तावेजों में हेरफेर के जुर्म में केस दर्ज कराया था।
मामले में सेतुराज को छोड़कर तीनों को कोर्ट ने दोषी पाते हुए 11 दिसंबर 2021 को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। सेतुराज गैरहाजिर था। इसलिए उसके जुर्म पर फैसला नहीं हो सका था। अब सेतुराज खुद जज संजयकुमार गुप्ता की कोर्ट में सरेंडर हुआ तो उसने राजनैतिक कारणों से उसे फंसाने की दलील दी, लेकिन सबूतों के चलते अदालत ने उसे भी पांच साल के लिए जेल भेज दिया।
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