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डाउनलोड करेंएमपी पीएससी द्वारा महीनेभर पहले घोषित राज्य सेवा मुख्य परीक्षा- 2019 के रिजल्ट के खिलाफ जबलपुर स्थित मप्र हाईकोर्ट में लगी 45 से ज्यादा याचिकाओं के मामले में सोमवार को फिर सुनवाई होगी। रिजल्ट रद्द करने की मांग को लेकर ये याचिकाएं लगाई गईं हैं। इन याचिकाओं में नियमों को ताक पर रखकर रिजल्ट जारी करने का हवाला दिया गया है। उन अभ्यर्थियों ने यह याचिका लगाई हैं जो इस वजह से दौड़ से बाहर हो गए हैं।
वहीं दूसरी तरफ राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020, जिसका रिजल्ट हाल ही में घोषित हुआ है, उसे भी निरस्त करने की मांग हाई कोर्ट में याचिका के जरिए उठाई गई है। इसमें कहा गया है कि शासन ने नियमों में संशोधन तो किया, लेकिन रिजल्ट विवादित नियमों के अनुसार ही जारी कर दिए गए हैं। फिलहाल हाईकोर्ट में राज्य सेवा 2019 एवं 2020 के खिलाफ कुल 45 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
ये हुआ
इनमें पीएससी के परीक्षा नियमों में संशोधन, प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा-2019 व प्रारंभिक परीक्षा-2020 की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी गई। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि सरकार ने नियमों में संशोधन किया, लेकिन पीएससी परीक्षा 2019 के रिजल्ट संशोधित नियम लागू किए बिना पुराने नियमों के तहत ही घोषित कर दिए गए हैं।
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